मौत के सौदागरों को मौत की सजा मिले! प्रसिद्ध यादव@A P

     मोदी की अडानी से मित्रता देश के लिए कितना घातक है!



ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप मोदी के मित्र गौतम अडानी के मुन्द्रा पोर्ट से बरामद होने पर भी गोदी मीडिया इस मामले को जरा भी तवज्जो नहीं दे रही है और अभी तक अडानी के खिलाफ कोई कारवाई करने की भी सूचना नहीं मिली है। इस देश में किसी के घर से गांजे की छोटी पुड़िया बरामद होने पर भी उस घर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया जाता है। भाजपा  शासित राज्य असम में तो ऐसी पुड़िया बेचने वाले छोटे वितरकों को पिछले दो महीने से पैर में गोली मारने का अभियान पुलिस चला रही है। सुशांत सिंह राजपूत  आत्महत्या मामले पर तमाशा करते वक़्त देश देख चुका है किस तरह गोदी मीडिया के एक एंकर ने गांजे की पुड़िया बरामद होने पर 'मुझे ड्रग्स दो' कहते हुए वीभत्स मंजर पेश किया था।

लेकिन जैसे ही मोदी सरकार के आका अडानी का नाम सामने आता है गोदी मीडिया और प्रशासन को सांप सूंघ जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का मामला सामने आने और इसके तार अडानी के निजी पोर्ट से जुड़े होने के बावजूद न तो अडानी की भूमिका की जांच करने की हिम्मत मोदी सरकार कर पा रही है न ही गोदी मीडिया इतने बड़े मसले पर अडानी से कोई सवाल पूछने की जुर्रत कर पा रही है

  दिसंबर 2007 : मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने गुलाम मलिक को मौत की सज़ा दी, जिसे 2004 में 142 किलोग्राम हशीश के साथ गिरफ्तार किया गया था.
फरवरी 2008 : पहले 1998 में 40 किलोग्राम चरस और फिर साल 2003 में 28 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किए गए ओंकारनाथ काक को अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने मौत की सज़ा दी थी.
फरवरी 2012 : साल 1998 में 1.02 किलो और फिर 2007 में 10 किलो हेरोइन के साथ पकड़े जाने वाले परमजीत सिंह को चंडीगढ़ की ज़िला कोर्ट ने मृत्युदंड दिया था.
अडानी समूह की कंपनी APSEZ के पास पहले से ही करीब 11 बंदरगाह और टर्मिनल हैं. इनमें मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा (गुजरात), धर्मा (ओडिशा), मॉर्मुगाव (गोवा), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), कत्तूपल्ली और एन्नोर (तमिलनाडु) शामिल हैं. 
कृष्णापट्टनम पोर्ट कंपनी के इस अधिग्रहण के साथ APSEZ को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2020-21 तक उसकी बाजार हिस्सेदारी 21 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी तक पहुंच जाएगी. 
क्या कहा कंपनी ने 
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनी ने एक बयान में बताया, ‘अडानी समूह की भारत की सबसे बड़े बंदरगाह विकासकर्ता, परिचालक और साजो-सामान उपलब्ध कराने वाली कंपनी APSEZ ने आज 12,000 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर केपीसीएल का अधिग्रहण सौदा पूरा करने की घोषणा की है. इस सौदे के बाद केपीसीएल में एपीएसईजैड की 75 प्रतिशत की नियंत्रक हिस्सेदारी हो जाएगी.'
कंपनी ने सीवीआर ग्रुप और अन्य निवेशकों से यह हिस्सेदारी खरीदी है. केपीसीएल विविध तरह के सामान के आवागमन की सुविधा देने वाला बंदरगाह है. यह आंध्र प्रदेश में स्थित है जहां देश का दूसरा सबसे बड़ा समुद्र तटीय क्षेत्र पड़ता है. 

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