सिर्फ कैलेंडर ही नही बदलते,कुछ खोये और पाये भी। प्रसिद्ध यादव

 

       
एक अवलोकन करें वर्ष 2021 का।



2021 गणतंत्र दिवस पर  हिंसा
इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों ने अपनी मांग को लेकर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला था। लेकिन ये जल्द ही हिंसक हो गया। उग्र प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ते हुए लाल किले की प्राचीर तक पहुंच गए और वहां पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया। अधिकतर किसान संगठनों ने इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। इस घटना ने तब दो महीने से शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन पर एकबारगी सवालिया निशान खड़े कर दिए थे।
2- बंगाल चुनाव और उसके बाद हुई हिंसा
इस साल पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की शिकस्त इस साल की सबसे प्रमुख राजनीतिक घटना मानी जा सकती है। लेकिन ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। विपक्ष ने इस हिंसा के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं,टीएमसी ने इस घटना को विपक्ष की साजिश बताया। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने में विफल रहने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की थी।
3- COVID-19: भारत का ऑक्सीजन संकट
भारत के लिए ये दौर बीते कई दशकों के सबसे मुश्किल दौर में से एक साबित हुआ। जब कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने देश में जमकर कहर मचाया। इस दौरान देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल तो खोली ही, लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर के लिए भी बहुत भटकना पड़ा।  हालांकि, केंद्र ने दावा किया है कि दूसरी COVID-19 लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है।
4- पेंडोरा पेपर्स लीक
इस साल लीक हुए 'पेंडोरा पेपर्स' ने भारत में तहलका मचा दिया। इनमें पेपर में 300 भारतीय लोगों के नाम शामिल थे. इनमें 60 लोग अधिक प्रमुख थे। इनमें सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, नीरव मोदी, जैकी श्रॉफ, अजीत केरकर और किरण मजूमदार-शॉ शामिल हैं।
3 अक्टूबर को दुनिया भर में पत्रकारीय साझेदारी द्वारा लीक हुए लाखों दस्तावेज़ों को ''पेंडोरा पेपर्स'' कहा गया, जिसमें भारत सहित 91 देशों और क्षेत्रों में वर्तमान और पूर्व विश्व नेताओं, राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया था।
5- 70 साल बाद एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा को मिला
टाटा संस ने 2021 में एयर इंडिया की बोली जीती, जिस एयरलाइन की स्थापना उसने लगभग 90 साल पहले की थी। इस साल सरकार ने एयर इंडिया के लिए टाटा की तरफ से 18,000 करोड़ रुपये की बोली स्वीकार कर, टाटा को कंपनी का 100 प्रतिशत अधिग्रहण दे दिया था। बता दें कि एयर इंडिया की स्थापना 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से परिवार के वंशज और विमानन उत्साही जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा द्वारा की गई थी।
   लखीमपुर खीरी कांड
इस साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर एक थार गाड़ी चढ़ा दी गई, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। इस हिंसा में कुल 8 लोग मारे गए। इस कांड में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया है। हाल ही में आशीष मिश्रा ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई को टाल दिया गया है।
7- भारत ने 1 बिलियन COVID-19 वैक्सीन का रिकॉर्ड तोड़ा
21 अक्टूबर 2021 भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था। COVID-19 की भीषण दूसरी लहर से जूझने के बाद, भारत ने 100 करोड़ के वैक्सीन मार्क को पार कर लिया।
8- CDS बिपिन रावत का निधन
भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत का 8 दिसंबर को एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। तमिलनाडु में क्रैश हुए Mi-17V5 Helicopter में सीडीएस रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोग शामिल थे। इनमें से किसी को भी नहीं बचाया जा सका। इस हादसे की जांच जारी है।
9- जेवलिन थ्रो समेत ओलंपिक में भारत को मिले सर्वाधिक पदक
इस साल टोक्यो में हुए ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में नीरज चौपड़ा ने इतिहास रचते हुए जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल समेत,  2 रजत और 4 कांस्य पदक जीते। वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद हॉकी में मेडल हासिल किया।
10- किसान आंदोलन वापिस
2021 के आखिरी दिनों में देश की सबसे प्रमुख घटनाओं में से एक किसान आंदोलन की वापसी थी। बीते 378 दिन से किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं को घेरा हुआ था। आंदोलन की वापसी के बाद 11 दिसंबर को किसानों ने घर लौटना शुरू कर दिया। इस दिन किसान विजय दिवस के रूप में मनाया।  
11- हरनाज सिंधू बनी मिस यूनिवर्स
हरनाज सिंधू की शक्ल में भारत को करीब दो दशक बाद मिस यूनिवर्स का खिताब मिला है। ये प्रतियोगिता इजराइल में हुई थी। इसकी प्रीलिमिनरी स्टेज में 79 से अधिक कंटेस्टेंट्स ने भाग लिया था। 21 साल की हरनाज ने पैराग्वे की नाडिया फेरीरा और दक्षिण अफ्रीका की लालेला मस्वाने को पीछे छोड़कर ये ताज अपने नाम किया। इससे पहले सुष्मिता सेन ने 1994 में और लारा दत्ता ने 2000 में भारत के लिए मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था।

रदाना

एंकर, पत्रकार, संपादक और मीडिया हस्‍ती रोहित सरदाना टीवी चैनल आज तक के पत्रकार थे। उन्‍हें ज़ी न्यूज़ के एक वाद-विवाद कार्यक्रम 'ताल ठोक के' की मेजबानी के लिए भी जाना जाता था, जो समकालीन भारतीय मुद्दों पर चर्चा करता है। गत 30 अप्रैल को COVID-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
दिलीप कुमार
हिंदी फिल्म उद्योग में सबसे सफल फिल्म सितारों में से एक दिलीप कुमार को सिनेमा में अभिनय का एक अलग रूप लाने का श्रेय दिया जाता है। लंबी बीमारी के बाद 7 जुलाई को उनका निधन हो गया।
सिद्धार्थ शुक्ला
'बालिका वधू', 'ब्रोकन बट ब्यूटीफुल 3' और 'दिल से दिल तक' में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले सिद्धार्थ शुक्‍ला एक अभिनेता, होस्ट और मॉडल थे। 2 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
पुनीत राजकुमार
कन्नड़ सिनेमा में एक प्रमुख नाम, राजकुमार एक अभिनेता, पार्श्व गायक, टेलीविजन प्रस्तुतकर्ता और निर्माता थे। 29 अक्टूबर को 46 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया।
मिल्खा सिंह
'फ्लाइंग सिख' के नाम से भी जाने जाने वाले सिंह एक भारतीय ट्रैक और फील्ड स्प्रिंटर थे। वह एशियाई खेलों के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर में स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र एथलीट हैं। सिंह की 18 जून को COVID-19 से मृत्यु हो गई।
सुरेखा सीकरी
एक हिंदी रंगमंच के दिग्गज, सीकरी तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और एक फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे। 16 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई।
सैयद अली शाह गिलानी
कश्मीर में उग्रवाद के जनक के रूप में माने जाने वाले गिलानी जम्मू-कश्मीर में एक इस्लामवादी, पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता थे। 1 सितंबर को उनकी मृत्यु हो गई।
स्टेन स्वामी
फादर स्टेन स्वामी झारखंड में स्थित एक जेसुइट पुजारी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता थे, जिन्होंने भूमि, जंगल और श्रम अधिकारों पर आदिवासी समुदायों के विभिन्न मुद्दों पर काम किया। स्वामी का लंबी बीमारी के कारण 5 जुलाई को निधन हो गया।
सुंदरलाल बहुगुणा
विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के नेता, बहुगुणा ने जीवन भर हिमालय में वनों के संरक्षण के लिए संघर्ष किया। 21 मई को COVID-19 के कारण उनका निधन हो गया।
किंग महेंद्र  बिहार के जहानाबाद के निवासी और राज्य सभा सांसद का दिसम्बर में लम्बी बीमारी के कारण निधन हो गया। ये दावा कंपनी के नामी गिरामी हस्ती और उद्योगपति थे।
इन्हीं खटी मीठी यादों के साथ वर्ष 2021 समाप्ति की ओर है।

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