अन्याय के खिलाफ हमेशा लड़ने वाले डेसमंड टूटू ! प्रसिद्ध यादव

 

      


आज देश में धर्म संसद के नाम पर महात्मा गांधी जी को गाली देने वाले और गोडसे को जयकारा लगाने वाले को थोड़ी भी शर्म आती तो धर्म की ठेकेदारी नही करता। डेसमंड गांधी जी से प्रभावित थे और इनके विचारों को देश दुनिया तक पहुंचाया।रंगभेद के खिलाफ और मानवीय गरिमा के लिए आजीवन संघर्षरत रहे।आज मानवता की बात भूलकर पाखंडी दिनरात धर्म की दुहाई देकर देश के बेड़ा गर्क करने में लगा हुआ है। आंखों पर ऐसी पट्टी बंध गयी है की मानो देश में अब सबकुछ शुरू हुआ है। यहां मानवीय संवेदना और पीड़ा नही महसूस होता है ,केवल पाखण्ड , ढोंग से लोगों को मूर्ख बना या जा रहा है। ऐसे में डेसमंड के संघर्षों से सीखने की जरूरत है।
नस्लवादी रंगभेद शासन के खिलाफ टूटू हमेशा मुखर रहे थे. वे कभी भी अन्याय से लड़ने में नहीं कतराते थे।
रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले दक्षिण अफ्रीका के डेसमंड टूटू का रविवार को निधन हो गया.  इनके निधन से एक अध्याय समाप्त हो गया है. उन्होंने हमें एक मुक्त दक्षिण अफ्रीका दिया है. टूटू को दक्षिण अफ्रीका में श्वेत अल्पसंख्यकों के शासन का मुकाबला करने के लिए 1984 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था.आर्कबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे. मानवीय गरिमा और समानता पर उनका जोर हमेशा याद किया जाएगा.

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