प्रेम कुमार मणि जरूरत से ज्यादा क़ाबिल हैं क्या? प्रसिद्ध यादव।
राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष, चिंतक, साहित्यकार, विद्वान राजद समाचार पत्र के संपादक कुछ ज्यादा ही काबिल लगते हैं। लोगों को रामबृक्ष बेनीपुरी के नाटक पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। दया सिन्हा के अक्षम्य अपराध को अभिव्यक्ति की आजादी की रोना रो रहे हैं। अशोक को प्रियदर्शी क्यों कहा जाता है? कुरूप थे इसलिए। महान सम्राट अशोक कहा जाता है क्योंकि दुराचारी, व्यभिचारी थे।ये सब इतिहास में अपने नही पढ़ा क्या? जनता के लिए सराय, पनशाला, मवेशियों के लिये आवास, मठ का निर्माण करवाये, ये सब नही पढ़े है। राष्ट्रीय चिन्ह, अशोक स्तंभ , चक्र को खत्म करवा दीजिए क्योंकि आप काफी विद्वान हैं, झूठ को सच साबित करने में आपको महारत हासिल है। दया प्रसाद सिन्हा से आपका क्या संबंध है? मुझे आपमें कोई रुचि नही है। आपका बैकग्राउंड क्या है? इसमें मेरी कोई रुचि नहीं है। दया सिन्हा अभी जैसे घर में मुँह छुपा के बैठे हैं , कहीं ऐसा न हो कि आपको भी सरेआम लोग बेइज्जत करना शुरूं कर दे। काबिलियत भी एक सीमा तक ठीक है, ज्यादा होने पर बदहज़मी कर देता है मान्यवर!
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