भाजपा अपनी कुकृत्यों पर मांगे वोट !प्रसिद्ध यादव।
भाजपा के नेता इस देश में जो क्रियान्वयन की है, वो भारतीयों को पीड़ादायक रही है। चाहे सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण हो, बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, नोटबंदी, जीएसटी ,अवमूल्यन, योजना आयोग का विघटन, रेल बजट का विघटन हो। जातीय जनगणना नही करवाने की मंशा , काला धन वापस लाने और भारतीयों के खाते में 15 लाख देने की झूठी वादे हों। निजीकरण कर के न सिर्फ रोजगार के अवसर को कम किया गया, बल्कि आरक्षण पर भी कुठाराघात किया गया। देश में कोरोना काल में पूर्ण लौकडॉन का दुष्परिणाम प्रवासी मजदूर खूब भुगते। बिना कोई विकल्प के लोगो को तड़पते मरते छोड़ दिया।उद्योग धंधे, दुकाने यातायात, रोजगार सब ठप्प हो गया था। ऐसा भय का वातावरण पैदा कर दिया गया कि आदमी आदमी से दूर हो गया, संवेदना मर गई और इस दुर्दशा पर सरकार ताली थाली बजाने की फरमान जारी कर दी। सरकार की नॉटंकी से लोग हतप्रभ तब हो गये, जब गंगा में अनगिनत लाशें लावारिस हालत में तैर रही थी और अस्पतालों के ऊपर करोड़ों के लागत से पुष्प वर्षा हो रही थी। लोग ऑक्सीजन के बिना मर रहे थे, एक सिलेंडर लाखों में ब्लैक मिल रहे थे और लोगों को घर के दरवाजे पर दीये जला कर कोरोना भगाने का मंत्र बताया जा रहा था, घरी घंटा बजाया जा रहा था। अंधविश्वास के बीच में रहने वाली सरकार से लोग त्रस्त हो गये, लेकिन अभी भी हमारी आंखें नहीं खुली।
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