किसानों के सीने के खून से लिखी जायेगी कहानी ! प्रसिद्ध यादव।
लखीमपुर खीरी में किसानों के सीने पर गाड़ी घुमा घुमा कर रौंदी गयी थी, इसमें चार किसान सहित अन्य और चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके आरोपी देश के गृह राज्य मंत्री के पूत सहित अन्य थे। काफ़ी मशक्कत के बाद मंत्री पुत्र पर धारा 302 के तहत गिरफ्तार हुए, लेकिन केंद्र सरकार मंत्री को हटाना मुनासिब नहीं समझी और यूपी के चौथे चरण के चुनाव के पूर्व न्यायालय द्वारा बेल मिल गया। लखीमपुर खीरी में किसानों के गुस्सा सातवें आसमान पर है। किसान आंदोलन रत हैं। भाजपा प्रत्याशी उस क्षेत्र में घुस नही पा रहे हैं। मंत्री भाजपा को कितना लाभ पहुंचायेंगे, ये भविष्य की बात है, लेकिन फिरहाल किसानों के ज़ख्म ताजा हो गया। आज लाखों लोग छोटे जुर्मों में जेल में सड़ रहे हैं लेकिन जब पावर और पैसे हों तो , जेल की दीवारें भी छोटी हो जाती है। कानून सत्ता की रखैल बनने लगती है तो आम अवाम में क्रांति, आंदोलन होना लाजिमी है। क्या किसानों के खून से अब रामराज्य स्थापित होगा? उत्तम प्रदेश बनेगा? काशी क्वेटो बनेगा? या बाबा जी के मठ नेसनबूत होगा ? इसके लिए 10 मार्च का सभी का इंतजार है, लेकिन इतना तय है कि किसानों के खून व्यर्थ नहीं जाएंगे।
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