दोनों पत्नियों के साथ रहने के लिए 15 -15 दिनों का पति का लगा हरभंजिया ! /प्रसिद्ध यादव।
हरभंजिया शब्द किसानों को, गांवों में रहने वाले को मालूम है ।इसलिए मुझे बताने की जरूरत नहीं है।
एक मुश्किल है कि जिसके भांजे में पति पर गया और कोई जरूरी काम से घर से बाहर गया, वो एब्सेंट होगा कि जिसके पास थी उसे सहना पड़ेगा। यहां लोग एक वीबी से इतना परेशान है कि कितना लोग घर छोड़कर अयोध्या, काशी, वृंदावन धूमि रमा के साधु फकीर बन गया है और कुछ को डबल ट्रिपल की सवारी चाहिए।तो भुगतो।
जिंदगी तुम्हारे सिवा कटती नहीं,
तुम्हारी सब यादे दिल से मिटती नही,
तुम इस कदर बस गए हो मेरी आँखों में,
की अब इन निगाहो से तुम्हारी तस्वीर हटती नहीं.
मेरे लिए हर ख़ुशी का एक ही मतलब हे,
और वो हे तुम्हारा साथ होना.
हर कोई कहता हे,
बीवी सिर्फ तकलीफ देती हे,
कभी किसी ने यह नहीं कहा की ,
तकलीफ में हमारा साथ भी वह देती हे.
नही चाहिए सोना चाँदी,
नही चाहिए मोतियों के हार,
चाहूँ तो बस इतना चाहूँ,
मेरे साजन बस थोड़ा सा प्यार.
न जाने कौन सा,
विटामिन है तुझमे,
एक दिन याद न करू तो,
कमजोरी सी महसूस होती हे.
हम तुमसे लड़ते हे तो,
इसका ये मतलब नहीं की,
मुझे सारी शिकायते तुमसे हे,
बल्कि मेरी सारी उम्मीदें तुमसे हे.
हमारी जिंदगी ने,
बड़ा सबक सीखा दिया हमे,
रिश्ता सबसे रखो,
मगर उम्मीद किसी से भी मत रखना,
क्योंकि हमेशा अपने ही दिल दुखाते हे.
सुनो…तुझे पाना ही मेरी मोहब्बत नही,
तेरा एहसास भी मेरे जीने की वजह है.
पति सुख तो अकेला काट लेता हे,
लेकिन दुःख में वो अपनी पत्नी को जरूर याद करता हे,
पत्नी दुःख तो अकेले काट लेती हे,
लेकिन सुख में वो अपने पति को जरूर याद करती हे.
बहुत खुशनसीब होती है वो पत्नियां,
जिनके पति का मन उनके बिना एक पल भी नहीं लगता.
कहते हे की औरत की उम्र और पुरुष की कमाई कभी नहीं पूछनी चाहिए,
उसका कारण यही हे की औरत कभी अपने लिए नहीं जीती और पुरुष कभी अपने लिए नहीं कमाता.
पति पत्नी में संबंध मजबूत होना चाहिए, मजबूर नहीं.
पत्नी कभी पति के लिए समस्या नहीं होती,
पत्नी तो पति के सुख दुःख में साथी होती हे,
जिंदगी के ऐसे मोड़ पर भी जहा दूर दूर तक कोई साथ नहीं होता.
जवानी में आप अपनी पत्नी की इज्जत कर लीजिये,
बुढ़ापे में वह आपका बुढ़ापा सवार देगी,
क्योंकि बुढ़ापे में आपका बेटा या बेटी भले आपको साथ न दे,
पर आपकी पत्नी आपका मरते दम तक साथ निभाएगा।
छह बच्चों के एक पिता को दूसरी शादी रचाना महंगा पड़ गया। दूसरी पत्नी मारपीट व गाली गलौज करने की शिकायत लेकर पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गई। इसमें पति पर छह बच्चों का पिता होने की बात छुपाकर शादी करने की बात कही गई। इधर पति का कहना था कि दूसरी पत्नी अब पहली पत्नी के बच्चों के साथ मारपीट करती है और इस चलते उन्हें सख्ती बरतनी पड़ती है।
इस अजीबोगरीब मामले में आखिरकार एक बांड दोनों पक्षों से भराया गया। इसमें यह तय हुआ कि पति दोनों पत्नियों को दो अलग-अलग घर में रखेंगे और उनका भरण पोषण करेंगे। माह में 15 दिन पति पहली पत्नी तो 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेंगे। इस समझौते पर दोनों पत्नी के साथ पति भी राजी हो गए और मामले का निष्पादन हो गया। यह मामला जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र के गोरियारी बस्ती का है।
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