युवाओं की जवानी में घुन लगाती सरकार ! / प्रसिद्ध यादव।
जब युवा क्रांति करते हैं, तब सरकार की नींद खुलती है!
देश में एक जनव्यापी आंदोलन की जरूरत है!
थाली और ताली पीटने वाली सरकार की मंशा को जानने की जरूरत है !
जिस देश के युवा हताश, निराश, बेरोजगार हो जाये, उस देश की खुशहाली की कल्पना भी नहीं कि जा सकती है। सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण, ठेका प्रथा का बढ़ावा, नियक्तिओं में टालमटोल -लम्बा समय , भर्ती परीक्षा में मोटी रकम युवाओं के भविष्य खराब करने के लिए पर्याप्त है। कोरोना के कारण सरकार भर्ती प्रक्रिया में देर होने की रोना रोती है। क्या कोई ऐसा राज्य है जहाँ कोरोना के कारण चुनाव नहीं हुए और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया? नहीं। सेना में और एसएससी की भर्ती तो सरकार भूल ही गई। जो भर्ती होनी है, उसमें इतनी देर हो रही है कि युवाओं की उम्र ढलने लगी। कुछ विद्वान दलील देते हैं कि सभी को सरकारी नौकरी देने सम्भव नहीं है। बिल्कुल सही, लेकिन 9 लाख रिक्तियां रखकर सरकार युवाओं के प्रति कौन सा उपकार कर रही है। देश के ऐसे ज्वलंत मुद्दे गौण हो जाता है और कोई फिल्मों पर या घटनाओं पर चर्चा का नया राग अलाप होने लगता है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 जुलाई 2021 को राज्य सभा में बताया था कि एक मार्च 2020 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 8.72 लाख पद खाली हैं। उनके अनुसार केंद्र सरकार के सभी विभागों में एक मार्च 2020 तक स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 थी, जिनमें से 31,32,698 कर्मचारी कार्यरत थे। इस आधार पर एक मार्च, 2020 तक रिक्त पदों की कुल संख्या 8,72,243 थी।. भाजपा 2014 में वादा किया गया था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियां तो दी नहीं गईं, उल्टे बेरोजगारी ही तेजी से बढ़ी। आज करीब नौ लाख सरकारी पद खाली हैं। रेलवे में 15 प्रतिशत, रक्षा में 40 प्रतिशत पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी रिक्तियां हैं।''
सरकार नॉकरी देने की अपने वादे पूरी करे और देश के युवाओं की क्षमताओं का सदुपयोग करे। न्यायपालिका भी युवाओं के दोहन शोषण पर स्वतः संज्ञान ले।
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