दीपक मेहता की हत्या! अनसुलझे गूथियाँ!/ प्रसिद्ध यादव।
दानापुर के आसपास करीब एक- दो साल में पिछड़े वर्ग के कोइरी जाति के कई जनप्रतिनिधियों ,नेताओं की हत्या से दहशत का माहौल बन गया है। कुछ समय पहले खगौल में रालोसपा नेता मनोज महतो की हत्या, बगल में रामपुर फरीदपुर के मुखिया जदयू नेता नीरज मुखिया की हत्या, नॉबतपुर में वार्ड पार्षद इसी समुदाय के एक कि हत्या , नॉबतपुर के दबंग पंचम महतो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और कल दानापुर में नासरीगंज पुलिस चौकी के नजदीक घर पर दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष दीपक मेहता की गोलियों से निर्मम हत्या कर दी गई। आखिर एक जाति विशेष को टारगेट कर के क्यों हत्या की जा रही है? हत्या के आरोपित जो गिरफ्तार हो रहे हैं, वे कौन लोग हैं? पुलिस को सारे बिंदुओं पर और आरोपियों के कनेक्शन को भी ढूंढना होगा। जिनलोगों की हत्या हुईं, वे कोई दबंग या अपराधी प्रवृत्ति के नही थे, जिनसे किसी को कोई जानमाल का खतरा हो? फिर यह हत्या का सिलसिला क्यों? कौन रोकेगा? इसका जवाब चाहिए। दीपक मेहता से मेरा व्यक्तिगत सम्बन्ध था और यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है।नीरज मुखिया भी छोटा भाई की तरह थे और इनसे पारिवारिक सम्बन्ध भी था। दीपक की चिंता दानापुर के विकास के लिए रहता था ,इन्होंने मुझे साक्षात्कार में बताया था, दियारा क्षेत्र की समस्याओं से भी दुखी रहते थे। इनके पास अपनी पैतृक संपत्ति अच्छी थी,व्यसाय था और सबसे मिलनसार थे। अभी दानापुर से परिषद के अध्यक्ष के चुनाव लड़ने वाले थे,लेकिन क्रूर हत्यारों ने मौत की नींद सुला दिया। पुलिस अधिकारी जबतक आसपास के हिस्ट्रीशीटर को रिमांड पर लेकर सख्ती से पूछताछ कर सच्चाई नही निकलवाती है तबतक हत्या की सिलसिला बन्द नहीं होगा, कल कोई और टारगेट में होगा। हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर अपराध नियंत्रण धारा लागू करना होगा, साथ ही फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सजा दिलानी होगी तब कहीं जाकर लोगों को सरकार की कानून व्यवस्था पर पुनः भरोसा होगी।
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