शराब माफिया हमला+पुलिस घायल= सुशासन! प्रसिद्ध यादव।
बिहार पुलिस शराबबंदी से गजब पेशोपेश में पड़ी हुई है।अगर किसी थाना क्षेत्र में अवैध शराब है तो पुलिस नपेंगे। अगर पुलिस पकड़ने जाती है तो जान खतरे में पड़ जाती है।आगे कुआँ, पीछे खाईं वाली बात हो गई है।ऊपर से शराब की कमाई से पुलिस मालामाल की बदनामी अलग से है। पुलिस अब क्या करे क्या न करे? अगर किसी धंधेबाज को पिटाई हो गई तो मानवाधिकार वाले अलग से खड़े हैं। कहीं शराब की महक लगी तो मीडिया की हेड लाईन बन जाती है। सरकार के मंत्री से लेकर विपक्ष तक शराब पर हमलावर हैं।शराब माफिया के हमले और पुलिस की घायल होना ही सुशासन की परिभाषा हो गई है, जो चिंताजनक है। बिहार के नालन्दा से है जहां जिले के परवलपुर थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव में शराब की सूचना पर छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर शराब माफियाओं ने हमला कर दिया. इस दौरान हुई रोड़ेबाजी की घटना में थानाध्यक्ष समेत 10 पुलिसकर्मी जख्मी हो गये जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई हैपुलिस को सूचना मिली थी कि चुलाई शराब का अवैध रूप से धंधा चल रहा है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस की एक पूरी टीम छापेमारी करने के लिए गांव में पहुंची थी.
इस घटना में थानाध्यक्ष समेत दस पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस का कहना है कि छापेमारी के दौरान 50 लीटर शराब के साथ मंटू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था. जब गिरफ्तार कर उसे थाना लाया जा रहा था तो धंधेबाज और दर्जनों ग्रामीणों ने लाठी डंडे से पुलिस पर हमला कर दिया. मारपीट के साथ रोड़ेबाजी भी की गई.
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