राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया ! /प्रसिद्ध यादव।
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के मत का मूल्य 173 है.
राष्ट्रपति का निर्वाचन इलेक्टोरल कॉलेज के द्वारा किया जाता है. इन इलेक्टोरल कॉलेज निर्वाचक मंडल के सदस्य होते हैं लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और इसके अलावा सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य.
विधान परिषद् के सदस्य उसके सदस्य नहीं होते. लोकसभा और राज्यसभा के नामांकित सदस्य भी इसके सदस्य नहीं होते हैं.
लेकिन इन सभी के मतों का मूल्य अलग-अलग होता है. लोकसभा और राज्यसभा के मत का मूल्य एक होता है और विधानसभा के सदस्यों का अलग होता है. ये राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है.अगले माह होने वाले देश के राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के वोटों की ताकत दमखम के साथ दिखेगी. राष्ट्रपति चुनाव में विधायक और लोकसभा व राज्यसभा के सांसद वोटर होते हैं. बिहार में विधायकों की संख्या 243 है. जबकि सांसदों की संख्या कुल 56 है. इनमें लोकसभा के 40 और राज्यसभा के 16 सदस्य हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा तीनों मिला कर कुल 81 हजार 239 मूल्य के वोट हैं. राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के मत का मूल्य 173 है. इस तरह विधायकों के कुल मत का वैल्यू 42 हजार 39 है.
राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सदस्य का वोट वैल्यू देशभर में 700 है. इस प्रकार बिहार के सांसदों के वोट का मूल्य 39200 है. राष्ट्रपति चुनाव में बिहार में राजनीतिक दलों की वोट की तुलना करें, तो सबसे अधिक वोट भाजपा के पास है. बिहार विधानसभा में भाजपा के 77 विधायक हैं, जबकि लोकसभा में इसकी सदस्यों की संख्या 17 है और राज्यसभा में पांच सांसद हैं. इस हिसाब से भाजपा के बिहार में कुल वोट वैल्यू की संख्या 28,721 है. राज्य में दूसरी बड़ी वोट वाली पार्टी जदयू है. विधायक और सांसदों के वोट के हिसाब से जदयू के वोट की ताकत 22,485 है. इनमें विधायकों की कुल 45 वोटरों के 7785 और लोकसभा के 16 सांसद व राज्यसभा के पांच सांसदों के 14,700 वोट वैल्यू है.
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