सूत्रधार ने प्रेमचंद को याद किया/प्रसिद्ध यादव।
"प्रकृति से हम है" नाटक का मंचन
खाली हाथ लौट आता है पाटलिपुत्र का विमोचन सम्पन्न
खगौल।रविवार को "सूत्रधार",खगौल ने अपने प्रधान कार्यालय जमालुद्दीन चक, खगौल में संस्था के महासचिव नवाब आलम की अध्यक्षता में मुंशी प्रेमचंद की 142 वीं जयंती मनाई,। इस अवसर पर इनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। प्रथम सत्र में संगोष्ठी आयोजित की गई।साहित्यकार प्रसिद्ध यादव ने प्रेमचंद के जीवनी व कृतियों और नाटक पर विस्तार से प्रकाश डाला।मुख्य अतिथि दानापुर रेल मंडल के पूर्व राजभाषा अधिकारी एवम साहित्यकार राजमणि मिश्रा ने प्रेमचंद द्वारा पाखण्ड पर प्रहार का बखूबी विस्तार से बताया। संस्था के महासचिव और वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम ने कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद के नाटककार पक्ष की चर्चा करते हुए उनके नाटक कहानी ईद गाह,सवा सेर गेहूं,काकी, पूस की रात आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला । गोष्ठी को नीरज कुमार,दयानंद राय,अस्तानंद सिंह, अभिषेक कुमार, पत्रकार और अधिवक्ता क्रांति कुमार , लोक गायक संतोष प्रमित, संजय कुमार आदि ने प्रेमचंद को श्रेष्ठ रचनाकार बताया। इस अवसर पर
नवाब आलम द्वारा लिखित एवं नीरज कुमार द्वारा निर्देशित नाटक "प्रकृति से हम हैं" नुक्कड़ नाटक का भावपूर्ण प्रदर्शन किया गया। कलाकारों में
नीरज कुमार,दीपक कुमार,शशि भूषण कुमार,रत्नेश कुमार, टीपू,सुधीर,अमित,रोहित,रवि,
अमरनाथ,नवीन, दिव्या भारती,अनामिका ने प्रभावशाली अभिनय किया।
इस अवसर पर राजमणि मिश्र लिखित काव्य पुस्तक ' खाली हाथ लौट आता हूँ पाटलिपुत्र "का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर एक नन्हे कलाकार रूद्र आनंद ने वसुधैव कुटुंबकम् का खूबसूरत पाठ कर दर्शकों का दिल जीत लिया। मौके पर महबूब आलम, दयानंद राय, विष्णु गुप्ता, चंदू प्रिंस, नवीन कुमार ,अजय कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे।
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