जुमलेवाज के झांसे में आने का खामियाजा भुगत रहा है देश! /प्रसिद्ध यादव।
निष्ठुर, निर्दयी ,तानाशाही सरकार का अंत हो!
अच्छे दिन के सपने दिखाकर जुमलेवाज के गिरफ्त में देश आ गया है। झूठ,नफरत,की बुनियाद पर भाजपा अपना साम्राज्य फैलाया। स्मरण होना चाहिए कि भाजपा को सींचने वाले अटल ,आडवाणी,जोशी को ये गुजराती गैंग एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया तो ये विपक्ष के साथ कैसा सलूक करेगा ? गुजरात के दंगे पर बाजपेयी ने चेतावनी देते हुए मोदी को कहा था कि ' राजनीति धर्म भी कुछ होता है' बाजपेयी गुजरात सरकार को बर्खास्त कर सकते थे लेकिन आडवाणी की महत्वाकांक्षा बचा लिया और यही उनके राजनीति मौत हो गई। एक तड़ीपार दूसरा कुते के दुर्घटना पर अफसोस जताने वाले से कोई लोककल्याण की उम्मीद करता है तो वो उसकी दुर्मति ही है। ये जोड़ी देश से विपक्ष को सफाया करने का नित्य नया कुकृत्य कर रहा है।चाहे वो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक हो या बिहार, दिल्ली, झारखंड में असफल प्रयास हो।ईडी ,सीबीआई, इनकम टैक्स को हथियार बना लिया है।विपक्ष को बदनाम करने की गहरी साजिश रची जा रही है।क्या सत्ता पक्ष दूध के धुले हैं,वहां इन जांच एजेंसियों की जरूरत नहीं है। लेकिन 2024 के चुनाव में कोई काम नही आने वाले हैं।फील गुड की तरह ये धराशायी हो जाएंगे। भाजपा की स्थिति बिहार में टुअर की तरह हो जाएगी। जब बिहार गया तो बंगाल,उडीसा, झारखंड पहले से ही हिसाब कर लिया है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में बोहनी नही होगी।भाजपा केवल यूपी ,गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गोवा,सिक्किम के भरोसे सत्ता में नही आ सकती है। इसके अलावा देश कोरोना में लाशों की दुर्गति देखी है, मजदूरों की विवशता, युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण, राष्ट्रीय संपदा को बिकते हुए देखा है।किसानों की बदहाली,पूंजीपतियों की कर्ज माफी,पूंजीपतियों के देश के सम्पति को लेकर भागते देखा है। देश में नफरत की आंधी तूफान देखा है। कैसे बिना परीक्षा के 300 अधिक एक जाति विशेष को आईएस बना दिया गया है, इसका भी पूरा हिसाब देश मांगेगा।जबरन कर्मचारियों को रिटायर्ड कर दिया गया ,ओल्ड पेंशन योजना बन्द कर दिया गया।ये अकल्याणकारी कुकृत्यों का भी हिसाब होगा।देश के युवाओं को मंदिर की घंटा नही,रोजगार चाहिए ।किसान 2022 में अपनी दुगनी आय का सवाल पूछेंगे।अब भाजपा को अपने ही करनी से इसकी नैय्या को डूबने से कोई नहीं बचा सकता है।
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