आपदा में पाकिस्तान, भारत से मदद की गुहार! /प्रसिद्ध यादव।
भारत हमेशा पड़ोसी धर्म का पालन करते रहा है लेकिन इसके बदले ज़ख्म, परेशानियों का सबब मिलते रहा है।चाहे वो पाकिस्तान हो या चीन। दोनों पड़ोसी देशों से युद्ध तक हुआ, जानमाल की भारी नुकसान हुआ। भारत शांतिप्रिय देश रहा है और कभी भी अपने पड़ोसी देशों को परेशान नही किया।इसकी यही शांतिप्रियता को कमजोरी समझने की लोग भूल करते हैं।भारत से जब भी पड़ोसी देश युद्ध किया दुश्मन मुँह को खाये।आज पाकिस्तान में बाढ़ की भीषण आपदा आ गयाऔर अब इसकी नज़र भारत की ओर है।
हम उनकी सहायता में तत्पर रहे , यह पड़ोसी का धर्म है। पड़ोस में कोई गड़बड़ हुई तो अपना दरवाजा अन्दर से बंद करके बैठना, पड़ोसी-धर्म नहीं है। पड़ोस में कोई अस्वस्थ हुआ, तो अपने भाग्य से हुआ, चाहे जिये चाहे मरे, ऐसा सोच कर उसकी अनसुनी करना पड़ोसी का धर्म नहीं है। इसमें तो मनुष्यता भी नहीं है, पड़ोस-धर्म तो दूर की बात रही।
पाकिस्तान में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। वहां रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि सरकार, भारत से सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ आयात करने पर विचार कर सकती है।
पड़ोसी देश में बाढ़ के कारण विभिन्न सब्जियों और फलों की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। आपदा की वजह से बलूचिस्तान, सिंध और दक्षिण पंजाब से सब्जियों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। वित्त मंत्री इस्माइल ने कहा कि वो इनकी आपूर्ति के लिए भारत सरकार से वार्ता करने पर विचार कर रही है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने अगस्त, 2019 में भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को कम कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, पूर्व सुरक्षा सलाहकार एम यूसुफ भारत के साथ व्यापार के संबंध में कुछ प्रस्तावों पर काम कर रहे थे। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से पाकिस्तान सरकार के भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार करने की अटकलों के बीच आई है। बाढ़ के कारण पाकिस्तान में फल और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। यहां टमाटर 500 रुपये प्रति किलो और प्याज 400 रुपये प्रति किलो मिल रही है। बाढ़ के कारण बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब प्रांत से सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है। यहां हजारों एकड़ फसल बर्बाद हुई है। इन प्रांतों में गन्ना, कपास की फसल भी पूरी तरह तबाह हो चुकी है। आलू के दाम भी 50 रुपये प्रति किलो के ऊपर हैं, जो 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने के आसार हैं। फलों में केला, खजूर, सेब आदि के दाम भी आसमान पर हैं। हालांकि सरकार ने टमाटर का भाव 80 और प्याज का भाव 61 रुपये प्रति किलो तय किया है। वहीं मौसमी सब्जी जैसे भिंडी, करेला, तोरी, घिया, हरी सब्जियों के दाम भी सौ से पांच सौ रुपये किलों के बीच हैं। भारत अपने पड़ोसी धर्म का पालन जरूर करेगा,लेकिन पड़ोसी देशों को भी इसके साथ मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए।
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