तुम्ही मेरे मंदिर ,तुम्हीं देवता हो गीत काफी कर्णप्रिय है/प्रसिद्ध यादव।
1965 में बनी फिल्म खानदान की ये गीत आज भी कर्णप्रिय है और सदाबहार है।लता मंगेशकर की मधुर आवाज मन मुग्ध कर देता है। राजेन्द्र किशन के लिखे गीत भावपूर्ण है।सुनील दत्त और नूतन की जोड़ी आज भी दिल में छाई हुई है।
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरीतुम्ही देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे
कि तुम मेरे क्या हो
जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन खयालो में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो
नहीं तो मैं समझूंगी, मुझसे खफ़ा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर…
तुम्हीं मेरे माथे की बिंदिया की झिलमिल
तुम्हीं मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल
मैं हूँ एक छोटी-सी माटी की गुड़िया
तुम्हीं प्राण मेरे, तुम्हीं आत्मा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर…
बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूं
पवन छेड़े सरगम, मैं लोरी सुना दूं
तुम्हें देखकर ये ख़याल आ रहा है
के जैसे फ़रिश्ता कोई सो रहा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर…
स्रोत वेब से।
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