अरबों रुपये की खर्च पर सीबीआई ईडी की नज़र क्यों नहीं ? प्रसिद्ध यादव।

 

       


देश भ्रष्टाचार मुक्त हो ।यह कौन नही चाहेगा?लेकिन जब पक्षपातपूर्ण तरीके से हो तो सवाल उठना लाजिमी है। अयोध्या राममंदिर के लिए जमीन खरीदने में कैसे 5 मिनट में एग्रिमेंट जमीन करोड़ो रूपये का हो गया।आखिर कैसे ?और कौन थे?ये जांच का बिषय नही है क्योंकि ये कमल डिटर्जेंट से धुला है। नमो  टीवी भी सूचना प्रसारण मंत्रालय की सूची में नहीं है, लेकिन देश दुनिया चुनाव के समय खूब प्रचार देखा । सरकार जनता के आंखों में सिर्फ धूल झोंक रही है।सरकार ने जिन दो संस्थाओं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया व न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन को किसी खबर के फेक होने की जांच करने का जिम्मा सौंपा है उन दोनों संस्थाओं को देश के किसी कानून के हिसाब से किसी पत्रकार की मान्यता के निलंबन या निरस्त करने का अधिकार है. ज्ञात रहे कि इनमें से पहली एक संवैधानिक संस्था है और दूसरा एक गैर सरकारी एनजीओ है जिसका कि कोई वैधानिक अस्तित्व ही नहीं है.‘किसी खबर को सही या गलत करार देने या खबर लिखने वाले को दंडित करने का काम अदालत का है, पुलिस का नहीं. सरकार की मंशा बताती है कि वह मीडिया को पुलिसिया रौब-दाब दिखाकर उन्हें दंडित करवाने या उनकी सरकारी मान्यता निरस्त करने की धमकी सीधे तौर पर उन्हें मुंह बंद रखने की डरावनी नसीहत है.’   दिल्ली में भाजपा कार्यालय बनाने में 700 करोड़ खर्च हुए।भाजपा ने अब तक देश भर में पांच सौ कार्यालय बनाए हैं, वहीं चार सौ और कार्यालयों को बनाने का काम चल रहा है, दो साल में इन कार्यालयों का भी निर्माण पूरा होने की उम्मीद है.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के हल्द्वानी दौरे पर करीब 4 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.आर्मी कैंट हेलीपैड से लेकर एमबी डिग्री कॉलेज तक सड़क निर्माण पर 88 लाख रुपये खर्च हुए.एनडीए सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों और योजनाओं के प्रचार में करीब 7200 करोड़ रुपए खर्च किए। मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद 84 विदेश दौरे किए, जिसमें करीब 280 मिलियन डॉलर यानी 2 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में वर्तमान केंद्र सरकार ने 5200 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2019-20 में 5,326 अखबारों में विज्ञापनों पर 295.05 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,210 अखबारों में विज्ञापनों पर 197.49 करोड़ रुपये, 2021-22 में 6,224 अखबारों में विज्ञापनों पर 179.04 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 1,529 अखबारों में विज्ञापनों पर 19.25 करोड़ रुपये खर्च किए।अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2019-20 में 270 टेलीविजन (टीवी) चैनलों में विज्ञापनों पर 98.69 करोड़ रुपये, 2020-21 में 318 टीवी चैनलों में विज्ञापनों पर 69.81 करोड़ रुपये, 2021-22 में 265 न्यूज चैनलों में विज्ञापनों पर 29.3 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 99 टीवी चैनलों में विज्ञापनों पर 1.96 करोड़ रुपये खर्च किए। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वेब पोर्टल पर विज्ञापनों पर सरकार का खर्च 2019-20 में 54 वेबसाइटों पर 9.35 करोड़ रुपये, 2020-21 में 72 वेबसाइटों पर विज्ञापनों पर 7.43 करोड़ रुपये, 2021-22 में 18 वेबसाइटों में विज्ञापनों पर 1.83 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 30 वेबसाइटों पर 1.97 करोड़ रुपये था।ये गरीब देश में अमीर ठाठ कहाँ से आया? चंदा देने वाले के आय का स्रोत मालूम होना चाहिए ताकि उसकी आमदनी लोग जान पाये, लेकिन ये भी स्वच्छ, निर्मल है।

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