शर्म करो हरजीत कौर!/प्रसिद्ध यादव।

 



कौर !मेधावी इतनी हैं कि देश के सबसे बड़ी सेवा आईएएस बन गई, लेकिन नियत नही बदली। कोई लाख ऊंची शिक्षा प्राप्त कर लें, लेकिन उसकी नियत में खोट हो तो उसकी शिक्षा व्यर्थ है।आज राजनीति में जो बड़े बड़े शिक्षितों की वकालत करते हैं लेकिन उसकी नियत कितनी पाक साफ है, ये जरूरी है।मैडम! छात्राओं को मोटिवेट करने गई थी लेकिन इनकी व्यंग,कुटिल भरी बातों को देखें तो लगता है कि ये छात्राओं को अपमानित करने गयी थी।खुद के चरित्र जैसे दूसरों के चरित्र को समझने की भूल नहीं करना चाहिए।स्कूली छात्राओं को कॉन्डोम फ्री में देने की बात कहना इसकी मानसिक दिवालिया की पहचान है।मैडम! अगर आप स्कूल में कॉन्डोम का उपयोग की होंगी इसका मतलब सभी पर लागू करने की कुचेष्टा न करें।  बिहार में एक स्कूली छात्रा ने आईएएस हरजोत कौर  से एक साधारण सा सवाल किया. छात्रा ने पूछा कि जब सरकार साइकिल, पोशाक देती है तो हम लड़कियों को "क्या सरकार 20-30 रुपये का सेनेटरी पैड दे सकती है?" उसके इस सवाल पर हरजोत कौर ने कहा, "आज आप कह रही हो कि सरकार सैनिटरी नैपकिन दे, फिर कल आप कहेंगी कि सरकार जींस भी दे सकती है और उसके बाद कुछ सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकती?" आईएएस अधिकारी हरजोत कौर ने आगे कहा, "आप अंततः उम्मीद करोगी कि सरकार आपको परिवार नियोजन के तरीके, कंडोम भी देगी."यही नहीं पाकिस्तान जाने की भी बात कह दी।मैडम!यह देश केवल आपके बाप का है क्या?जो फ़रमान जारी कर दिया।ऐसे नीच मानसिकता वाली अधिकारी को दंड मिलना चाहिए।

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