हौसला अफजाई होता है जब कोई आपके कार्य को सराहे!-प्रसिद्ध यादव।
आज के दैनिक जागरण में मेरा छोटा सा छठ पूजा पर विचार -अंतःकरण को शुद्ध करने का व्रत' शीर्षक प्रकाशित हुई। बिहार के उप मुख्यमंत्री के सहायक आईएएस प्रीतम बाबू ने -अच्छा लेख है। बधाई!'लिखकर भेजे।भले ही कम शब्दों में तारीफ किये लेकिन ये मेरे लिए कितना हौसला बढ़ाया ये सहज ही समझ सकते हैं। लेखनी की ताकत पहचान के साथ मान सम्मान भी दिलाता है।इसके अलावा अन्य अधिकारियों कार्यपालक अभियंता से लेकर बुद्धिजीवियों,मित्रों का सपोर्ट मुझे मिलते रहता है।इसलिए किसी के अच्छे कार्यों को तारीफ में दो शब्द लिख देने से कोई गरीब नही हो जाता, बल्कि लिखने वाले कि गति और बढ़ जाती है। आप तमाम शुभचिंतकों को हौसला अफजाई करने के लिए दिल से बधाई! आशा है आप की कृपा निरन्तर बनी रहेगी।
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