चार महीने में9 सीओ गया भीतर ! -प्रसिद्ध यादव।

  


अभी भी डर नही है तो गाज और गिरेगी। फुलवारी शरीफ की बात करें तो बिहार के सबसे चूतिया अंचल है।यहां के सीओ और थाना अध्यक्ष दोनो सस्पेंड हुआ,लेकिन आदत अभी भी नही छूटा है। लगता है ये  भी जाएगा। भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में अंचलाधिकारियों (सीओ) के विरुद्ध निर्णायक दंडात्मक कार्रवाई हो रही है। अगस्त से अब तक नौ सीओ निलंबित हो चुके हैं। 12 के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग की समीक्षा के दौरान कहा कि सीओ या अन्य अधिकारियों के विरुद्ध मिली सभी शिकायतों की निश्चित समय सीमा के भीतर जांच हो। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने विभागीय कार्रवाई के जल्द से जल्द निबटारे का भी आदेश दिया।

ये सीओ निलंबित किए गए 

विजय कुमार, दाउदनगर,  सुनील कुमार वर्मा, बिहारशरीफ , चंदन कुमार,  फुलवारीशरीफ,  कुमार कुंदन लाल, गड़हनी, अमित कुमार, ओबरा, उज्जवल कुमार चौबे, कुचायकोट, दिनेश कुमार, काको, विनोद कुमार चौधरी, खिजरसराय एवं सुरेजश्वर श्रीवास्तव, करगहर। इनमें विनोद कुमार चौधरी और दिनेश कुमार को निगरानी ने घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। अन्य सीओ का निलंबन संबंधित जिलाधिकारी की अनुशंसा पर हुआ।  कैसे-कैसे लगे आरोप 

अवैध जमाबंदी कायम करना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतना, उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेना, दाखिल खारिज एवं आन लाइन सेवाओं का ससमय निष्पादन नहीं करना। जिनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है,जो पद को अपने बपौती समझता है उसके लिए बुरे दिन आने वाले हैं।इस मुहिम में मेरे साथ चलें।


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