नैतिक सोच! अनैतिक व्यवहार !-प्रसिद्ध यादव।

    


 लोकसेवक दलाल सेवक की भूमिका में काम कर रहे हैं। सरकार लोकसेवकों को  सत्यनिष्ठा से कार्य करने की शपथ दिलाई गई, लेकिन काम बेईमानी से ही करेंगे।यह अपने आप में द्वंद्व है। राजनेताओं द्वारा यह प्रयोग अधिक किया जाता है। राजनेताओं की घोषणाएं ,भाषणों को देखें और उसे धरातल पर देखें ज़मीन आसमान का फ़र्क हो जाता है। यही हाल भ्रष्ट अधिकारियों की है । रिश्वत लेना अनैतिक कार्य है यह ज्ञात है लेकिन धड़ल्ले से हर रोज यही काम होता है। तथाकथित  कुछ साधु संत हर रोज नैतिकता का उपदेश देते हैं लेकिन उसके पीछे काले कारनामे से जगजाहिर है।कोलबर्ग के आलोचकों के अनुसार कोलबर्ग के नैतिक सिद्धांतों का सारा ध्यान नैतिक सोच तक सीमित है और उनमें नैतिक व्यवहार के बारे में ज्यादा बात नहीं की गई है। उनका कहना है कि नैतिक व्यवहार पर बात करना उतना ही जरूरी है जितना नैतिक सोच पर बात करना क्योंकि कई बार लोग दिखाते हैं कि उनकी सोच काफी नैतिक है परंतु उनका व्यवहार उसके विपरीत होता है। जरूरी नहीं है कि सोच का दावा करने वाले लोग नैतिक व्यवहार भी करें। इसीलिए नैतिक सोच और नैतिक व्यवहार दोनों का अध्ययन करना जरूरी हो जाता है। जैसे नेता कई नैतिक दावे करते हैं परन्तु उनका व्यवहार कई बार अनैतिक व उनके दावे के विपरीत होता है। इसके अलावा नैतिकता की समझ होते हुए भी लोग अनैतिक कार्य करते हैं। जैसे चोरों को पता है कि चोरी करना गलत काम है परन्तु इसके बावजूद वह चोरी करते हैं। दूसरी ओर बैन्दूरा का कहना है कि काफी लोग अपने अनैतिक व्यवहार को नैतिक उद्देश्यों से अपनी और समाज की नजरों में सही सिद्ध करने की कोशिश करते हैं जैसे जेहाद के नाम पर किए जाने वाले हमले और गर्भपात विरोधी कार्यकर्ता जो बच्चे गिराकर गर्भपात करने वाले अस्पताल नष्ट करते हैं और डॉक्टरों का खून करते है।

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !