रामसेवक पंडित जी आप हमेशा याद आएंगे।-प्रसिद्ध यादव।
मेरे गांव बाबूचक के कुम्हार पंडित पेशे से राजमिस्त्री और कृषक मजदूर थे।।मेरे गांव के मंदिर ये और इनके छोटे भाई गोरख पंडित के कड़ी मेहनत से निर्माण हुआ था और वो भी बिना मजदूरी के।जब मंदिर का शुभारंभ हुआ तो ग्रामीणों के तरफ़ से दोनों भाइयों को उपहार स्वरूप शॉल भेंट किया गया था जो सांसद रामकृपाल यादव और श्याम रजक जी के हाथों दिया गया था। इनकी कृति को लोग भले भूल जाएं लेकिन मै उम्रभर नही भूल सकता हूँ। इनके ज्येष्ठ पुत्र आरा समाहरणालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं।इनकी पत्नी भी धार्मिक प्रवृत्ति की थी जो 5 साल पहले अचानक गुजर गई थी।कुछ माह पहले इनके जवान भतीजा काम करते दुर्घटना में मर गया था।ये भी घर मे प्लास्टर कर रहे थे और दोपहर में सो गए और सदा के लिए चिरनिंद्रा में सो गए।
ऐसे पुण्यात्मा को कोटि कोटि नमन!😢
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