संविधान को समझे व संरक्षित रखें!-प्रसिद्ध यादव।
26 नवम्बर संविधान दिवस पर बधाई!
रानी हो मेहतरानी सब एक समान
एक अधिकार।
राजा न कोई रंक, सब एक।
अब राजा रानी के पेट से नहीं,वोट से होता है।
बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी को ये भारत कभी नही भूल सकता।
युग युग तक रहेगा ऋणी!
भारतीय संविधान ने हमें क्या क्या दिया है?यह जानने व समझने की जरूरत है। समानता व शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार यही से मिला। भारतीय संविधान निर्माण के पहले आदमी को आदमी के स्पर्श मात्र से धर्म नष्ट हो जाता था, वंचितों को न पढ़ने का अधिकार, न सार्वजनिक जगहों पर आने जाने का अधिकार था। , साथ साथ लोक कल्याण ही लोकतंत्र का मुख्य उद्देश्य है ! संविधान की प्रस्तावना में भी स्पस्ट किया गया है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष प्रजातांत्रिक गणतंत्र है ! सरकार का मुख्य कर्तब्य है कि वह संविधान की प्रस्तावना में वर्णित उदेश्य – सामाजिक-आर्थिक न्याय, सामजिक-आर्थिक समानता और सबको समान अवसर सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाये ! दुर्भाग्य से आज शिक्षा का व्यापारीकरण हो गया है ! के आर्थिक हालत के स्कूल की कई श्रेणियां बन गयी है ! कम आय का वर्ग , मध्य आय का वर्ग , उच्च आय का और सरकारी स्कूल, जहाँ गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले परिवारों के बच्चे पढ़ते है ! इन सभी स्कूलों की किताबें भी अलग- अलग होती हैं!
स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्टर , बच्चों का स्कूल ड्रेस अलग अलग है, यहां तक समझ आती है लेकिन किताब अलग- अलग हो जिसके कारण बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में समान अवसर नहीं मिलता है, यह तो संविधान की भावना के खिलाफ है! ऐसी असमान शिक्षा व्यवस्था से आपसी भाईचारा मजबूत नहीं हो सकता है और यह देश की एकता और अखंडता के लिये भी अच्छा नहीं है । आज नफरती बयान देने वाले संविधान को बदलने की मांग करते हैं जो असम्भव है फिर भी सचेत रहने की जरूरत है।
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