रेलवे में दीमक लगाया रेलवे अधिकारी प्रमोद कुमार जेना!
रेलवे अपने अधिकारियों के ठाठबाट, शानशौकत में कमी नहीं रखती है। हर तरह की सुविधाएं और सम्मान जनक वेतन भी देती है। इसके बावजूद अगर कोई भ्रष्टाचार की नाली में गोते लगाए तो उसका विनाश से कौन रोक सकता है। कीमती बिस्किट खाने से मन नही भरा तो सोने की बिस्किट का अंबार लगा दिया और ये बिस्किट से भूख नहीं मिटती है ज़नाब बल्कि जेल की कोठरी और हाथों में हथकड़ी देती है याद रखिए!देश को खोखला पढेलिखे, जिम्मेवार लोग बना रहे हैं न कि साधारण लोग।।भ्रष्टाचार के मामलों पर देश के अलग-अलग राज्यों में सीबीआई एक्शन मोड में है. सीबीआई ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भी रिटायर रेलवे (आईआरटीएस) अधिकारी के यहां छापेमारी की है. रिटायर रेलवे अधिकारी प्रमोद कुमार जेना के यहां अभी भी छापेमार की कार्रवाई चल ही रही है. इनके यहां से अब तक एक करोड़ 57 लाख रुपये से अधिक कैश और 17 किलो सोना बरामद किया जा चुका है. रिटायर्ड अधिकारी की संपत्ति देख सीबीआई के अधिकारी भी दंग हैं.
रिटायर रेलवे अधिकारी प्रमोद कुमार जेना भारतीय रेल ट्रैफिक सर्विस 1989 बैच के अधिकारी रह चुके हैं. इनके यहां अब तक सीबीआई की छापेमारी के दौरान एक करोड़ 57 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद की जा चुकी है. अभी तक 17 किलो सोना भी बरामद हो चुका है. इनकी प्रॉपर्टी देखकर लोग हैरान हैं.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी के परिसरों पर छापेमारी के दौरान 1.57 करोड़ रुपये नकद, 17 किलोग्राम सोना और अन्य संपत्तियां जब्त की हैं. बताया गया कि सेवानिवृत्त अधिकारी के यहां से अनेक प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. अधिकारी के यहां अभी भी छापेमारी जारी है. जेना पहले ईस्ट कोस्ट रेलवे, भुवनेश्वर में प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक (पीसीओएम) के रूप में कार्यरत थे. उनके पास 59.09 फीसदी संपत्ति है और अब उनके पास 1,92,21,405 रुपये हैं. उल्लेखनीय है कि जेना 1987 बैच के अधिकारी हैं, जो 6 मार्च, 1989 को सेवा में शामिल हुए और 30 नवंबर, 2022 को प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए.
भारतीय रेलवे यातायात सेवा , संक्षिप्त रूप में IRTS भारत सरकार का एक प्रतिष्ठित समूह 'ए' केंद्रीय सिविल सेवा संवर्ग है । आईआरटीएस अपने वर्तमान स्वरूप में 1967 में पुनर्गठित किया गया था। आईआरटीएस कैडर रेल मंत्रालय , भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है । इस सेवा के तहत सिविल सेवक देश में भारतीय रेलवे के संचालन और व्यवसाय विकास के लिए जिम्मेदार हैं। एक ओर, IRTS अधिकारी भारतीय रेलवे के विभिन्न तकनीकी विभागों के बीच समन्वय करते हैं, वहीं दूसरी ओर, वे भारतीय रेलवे का सार्वजनिक इंटरफ़ेस बनाते हैं। मेरे लिखने से भ्रष्टाचारी सुधर जाएंगे,ये गारण्टी नही है लेकिन दिल दिमाग में एक टिस तो मार ही देगा।
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