सरकारी सेवक अपने सेवा भाव के कर्तव्यों को याद रखें। -प्रसिद्ध यादव।

  यह राजनीतिज्ञ के लिए भी है!


" काम करने के एवज में सरकारी सेवक वेतन पाते हैं.. घूस नहीं,कभी नहीं ।"

" याद रखें - बिना प्राप्ति रसीद के लिया - दिया गया धन घूस है।"

" भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत 0612 -2217048 पर करें।"

"रिश्वत लेना देना - दोनों ही अपराध है।"

" घूसखोर का क्या जीना - न रात में नींद ,न दिन में चैन ।"

"सरकारी सेवा जन - सेवा का माध्यम है, धर्म ईमान की तरह इसे भी बेदाग रखें।"

उक्त पंक्तियां बिहार सरकार द्वारा हर कार्यालयों में उपलब्ध हैं। ये बात जनता को भी जानना जरूरी है और अगर कोई उससे रिश्वत की मांग करे तो उसे इन पंक्तियों को सुनना चाहिए। शायद रिश्वतखोर को शर्म आये। अगर वे बेशर्म हैं तो कोई बात नहीं आप को ऐसी बातें कहने का हौसला जरूर बढ़ेगा। अगर सरकार की सेवा भाव के पंक्तियों को सेवक पालन करते तो आज रिश्वतखोरी के जुर्म में इतने लोग निलंबित और जेल में बन्द नहीं होते। रिश्वतखोरी बन्द हो,ये केवल सरकार से नहीं हो सकती है, इसके लिए आमजन की भागीदारी ,सहयोग और जागरूकता जरूरी है।  रिश्वतखोर से घृणा करें और उसे गुप्तचर विभाग से रंगे हाथों पकड़वाएँ।

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