पैसे बनाने वाली पुलिस जनता के प्रति कितनी समर्पित!- प्रसिद्ध यादव।
मद्यनिषेध पुलिस सिर्फ पैसा बना रही है।
बिहार में शराबबंदी से पुलिस महकमे की चांदी हो गई है। मद्यनिषेध विभाग के पुलिस आय दिन शराब वाले अड्डे के पास जाती है जो शराबी मिलता है, उसे पकड़कर मोटी रकम वसूल कर छोड़ देती है। न कोई चालान काटती है न कहीं रिकॉर्ड मेंशन करती है। एक -एक शराबी से 15 -20 हजार रुपये वसूल कर पुलिस अपनी जेब गर्म कर रही है। जब पुलिस पर शराबियों या इसके धंधेवाजों पर हमला करती है तब पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की नींद टूटती है। अभी आमजन को समर्पित पुलिस सप्ताह मना रही है लेकिन पुलिस आमजन के प्रति क्या समर्पित रहेगी?खुद विभाग की परवाह नहीं है। 20 फरवरी के शाम में मद्यनिषेध विभाग की तीन गाड़ियां फुलवारी शरीफ के बाबूचक गाँव में आई और 4 लोगों को शराब पीने के जुर्म में पकड़ कर ले गयी। कुछ घंटों में सभी पकड़े गए लोगों से 15 हजार रुपये लेकर छोड़ दी।ये सिलसिला कई महीनों से चल रहा है और अबतक 100 ज्यादा क्षेत्र के लोग पकड़े गए और पुलिस मोटी रकम लेकर छोड़ दी।बिना चलाना के रुपये लेकर छोड़ देना उचित है। क्या पुलिस यही जनता के प्रति समर्पित है? पुलिस अगर जनता से अपनी क्रियाकलापों की फीडबैक लेना चाहती है तो यही हकीकत है। जहां शराब बनाई जाती है पुलिस वहां न जाकर सड़क पर से लोगों को उठा ले जा रही है। कई बार निर्दोष को पॉकेट में शराब दिखाकर आपूर्तिकर्ता के नाम पर जेल भेज दे रही है या मोटी रकम वसूल रही है।
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