राहुल गांधी के मामले में लोकसभा सचिवालय की जल्दबाजी !-प्रसिद्ध यादव।

 


जब न्यायालय ने 30 दिनों तक अमल पर रोक लगा दिया था तो लोकसभा सचिवालय की अयोग्य करार करने की जल्दबाजी क्यों थी? सरकार अडानी के खिलाफ सुनना पसंद नहीं करती है और राहुल गांधी संसद में पीएम मोदी और उद्योगपति अडानी के रिश्ते को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। जहां तक मानहानि की बात है यह कतई उचित नहीं है लेकिन इसे एक नजरिए से क्यों नहीं देखा जा रहा है? कुछ   भाजपा नेता दिनरात  नफरती बयान देते रहते हैं।देश को अपना जागीर समझकर हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करते हैं, कुछ को पाकिस्तान जाने की बात कहते हैं। क्या इन बातों से किसी का मानहानि नहीं होता है। सरकार की अदूरदर्शिता के कारण लौकडॉन में हजारों लोगों की मौत हो गई थी, मजदूरों की भयावह स्थिति हो गई थी। नोटबन्दी के कारण अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी ।ये बातें संज्ञान के योग्य नहीं थे?  भाजपा में लोग दूध के धुले हैं। भाजपा की हर तिकड़म को देश को लोग देख रहे हैं और समझ रहे हैं। कैसे 24 घंटे के अंदर अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त बना दिया जबकि इसकी गठन के लिए सुप्रीम कोर्ट क्लोजियम सिस्टम जैसे नियम बना रही थी। देश की स्थिति अभी आपातकाल जैसी हो गई है जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाई, उसे बन्द कर दो। 1977 में  तानाशाही का हश्र क्या हुआ था  ? कहीं 2024 में इसकी पुनरावृत्ति न हो जाये। अरविंद केजरीवाल ने पीएम पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि-आज तक इतना कम पढ़ा लिखा 12 वीं पास देश का पीएम नही बना।उन्होंने भंडारा कार्यकर्ताओं से देश हित में भाजपा छोड़ने की अपील भी किया है।सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता  है.’’
अधिसूचना के अनुसार, इसकी एक प्रतिलिप राहुल गांधी के अलावा भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, भारत निर्वाचन आयोग, भारत सरकार के सभी मंत्रालयों एवं विभागों को भेजी गई है. इसकी प्रतिलिपि केरल के तिरूवनंतपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, संसद भवन एनेक्सी के डायरेक्टेरेट ऑफ इस्टेट के लॉयजन अधिकारी, एनडीएमसी सचिव, लोकसभा सचिवालय की सभी शाखाओं को भेजी गयी है.
सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत भी दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें.
राहुल गांधी को कोर्ट ने 2 साल की सजा दी है. 2 साल या उससे अधिक की सजा पर सदस्यता जाने का प्रावधान है. रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत सजा का प्रावधान है. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस के सांसद थे. अब सदस्यता जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो सकता है. 

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