ब्रजभूषण की गुंडई के समर्थन में रामराज्य वाले।-प्रसिद्ध यादव।
रामराज्य का टेलर देख लो। अभी पूरा पिक्चर बाकी है।ब्रजभूषण के खिलाफ बुद्धिजीवियों के मुंह में दही जम गई है।बात लम्बी लम्बी करेगा महिलाओं की, संस्कार की ,गुड गवर्नेंस की ,रामराज्य की लेकिन कुकृत्य ऐसा कि निश्चर को भी शर्म आ जाये। यही चाल चरित्र है मनुवादियों की। इसके झांसे में आकर बानर की तरह लोग पीछे पीछे उछल कूद कर रहे हैं। ब्रजभूषण की गुंडई ऐसी कि SP ऑफिस में SP पर ही पिस्टल तान दी। राजनीति ऐसी कि लगातार 6 बार से सांसदी का चुनाव जीत रहे हैं। कारोबार ऐसा कि 50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज के मालिक हैं। रसूख ऐसा कि पार्टी लाइन से अलग भी बयानबाजी करते हैं। बेधड़क इतने कि इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल करते हैं। दबदबा ऐसा कि 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष हैं।बृजभूषण शरण सिंह को लेकर सबसे बड़ा विवाद तब हुआ था, जब इन पर अंडरवर्ल्ड के साथ जुड़े होने के आरोप लगे। इनके खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से टाडा का मामला दर्ज किया गया। दाऊद से फोन पर बात करने और उसकी मदद करने के आरोप भी लगे थे। बाद में CBI ने इन सभी आरोपों से सिंह को बरी कर दिया।
30 मई 1996 को तिहाड़ जेल में सजा काट रहे बृजभूषण सिंह को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चिट्टी मिली। इसमें उन्होंने लिखा था कि आप बहादुर हैं। सावरकर जी को याद करिए। उन्हें उम्रकैद की सजा मिली थी।
रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण ने एक पहलवान को मंच पर ही थप्पड़ जड़ दिया था। दरअसल, उस पहलवान की उम्र ज्यादा थी। वो बृजभूषण के कॉलेज के नाम पर प्रतियोगिता में शामिल होना चाहता था। वहां बृजभूषण बैठे थे और उन्होंने पहलवान पर हाथ छोड़ दिया। बृजभूषण के मामले में मोदी सरकार धृतराष्ट्र बनकर बैठी हुई है और न्यायालय कोई स्वतः संज्ञान नही ले रही है। ये लोकतंत्र है और बहू बेटियों के इज्जत से खिलवाड़ करने वाले को बचाने वाली सरकार की कफ़न में कील ठोकना तय है।
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