नीतीश जी ! कृष्णय्या के हत्यारे को बचाने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी !-प्रसिद्ध यादव।
नीतीश जी आपकी जीवन भर की छवि एक मिनट में धूमिल हो गई, साथ ही महागठबंधन की भी। सिर्फ ठाकुरों के वोट के लिए दलित आईएस जी कृष्णय्या के हत्यारे आनन्द मोहन को जेल से बाहर लाने का कुचक्र रचा है, इसे बिहार के वंचित समाज कभी माफ नहीं करेगा। आपने दलितों और ठाकुरों के वजूद में किसको कितना तरजीह दिया ये जमाना जान गया।जब से ये कानून में बदलाव किया है उसी दिन से मैं नीतीश और महागठबंधन सरकार के कथनी और करनी पर आवाज उठा रहा हूँ।जदयू भीम चर्चा कर रहा है और राजद अम्बेडकर परिचर्चा । इसका मतलब कुछ समझ में आता है? इस परिचर्चा ,चर्चा में जी कृष्णय्या के हत्यारे मोहन की रिहाई के सवाल जरूर पूछें।मैं कल पटना सदर के अनुमंडलीय अम्बेडकर परिचर्चा में गया तो विद्वानों से जरूर पूछूंगा कि - क्या यह बाबा साहेब अंबेडकर का सपना सच हो रहा है कि एक दलित आईएस अधिकारी के हत्यारे को महागठबंधन की सरकार रिहाई कर रही है? यही था बाबा साहेब का सपना? नीतीश जी को लग रहा था कि मोहन की रिहाई में देर हो गई तो कहीं भाजपा न इसका क्रेडिट ले ले।भाजपा से सीखिए।भाजपा इस खेल को विरोध कर रही है लेकिन ठाकुर वोट उसके साथ ही रहेगी। दलित वोट आपकी दरक गई और ठाकुर तो कभी आपके था ही नहीं।2024 में क्या चुनाव लड़ेंगे ?2023 में गुड़ गोबर कर दिया।
Comments
Post a Comment