नो कंपरवाइज ! दल के विरोधी बनता है प्रदेश सचिव ! मेरा तेवर कम नहीं होगा।-प्रसिद्ध यादव।
आज पटना सदर अनुमण्डल स्तरीय अम्बेडकर परिचर्चा था। परिचर्चा चल रहा था, वक्ता अपने अपने स्तर से ज्ञान दे रहे थे।मैं झेल रहा था लेकिन अनुशासन का पालन कर रहा था।हद तब हो गई जब एक वक्ता आकर अम्बेडकर के खिलाफ बोलने लगा ,बात यही तक न हुई वो आगे बढ़कर अपना ज्ञान देते देते भड़काऊ भाषण देने लगा।पूरा हॉउस उसकी लाफ़जी को सुन रहा था, उस वक्त आगे मंत्री डॉ रामानन्द यादव, पटना जिला राजद अध्यक्ष दीनानाथ यादव व अन्य वरिष्ठ नेता बैठे सुन रहे थे और किसी ने टोकना मुनासिब नहीं समझा। उसकी लाफ़जी सुनते सुनते मेरा धैर्य खो गया और मैं जोरदार विरोध किया और मंच पर उसकी बोलती बंद हो गई ।फिर वो सदन को गुमराह करना चाहा लेकिन मैं उसके जवाब देने के लिए समय मांगा और मुझे मिला। हम धन्यवाद देना चाहते हैं उन अनजान साथियों के जो मेरे पीछे मेरे साथ खड़े हो गए और उसे शर्मिंदा होकर मंच से भागना पड़ा। जब मैं मंच पर गया और उसके एक एक झूठ को साबित कर दिया, इस बीच मेरे माइक को ऑफ कर दिया गया लेकिन मैं बिना माइक के ही अपनी बात को पूरा किया। मैं उस सदन में चर्चा का बिषय बन गया और मेरे इस विरोध का सभी ने स्वागत किया।मंत्री और जिला अध्यक्ष ने भी मेरे कदमों को सही बताया। सभा खत्म होने के बाद जब तक मैं वहाँ रहा ,उस बड़बोले की नज़र मेरे तरफ थी ।शायद आजतक उसे कोई जवाब देने वाले नहीं मिले थे वो सम्पतक प्रखंड के धनाढ्य और दबंग होगा और अभी भी प्रखंड के सर्वेसर्वा है।
दूसरी आपत्ति मेरी बिहार राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह जी से है जो राज्य कार्यकारणी की सूची बनाये हैं, उसे सिर्फ कट पेस्ट किया गया है।जो आदमी राजद के एक प्राथमिक सदस्य भी नहीं है और न कोई कार्यक्रम में कोई रुचि लेता है, उल्टे दल विरोधी काम करता है उसे राजद प्रदेश सचिव बनाया गया है।जो क्रम संख्या 18 पर है। वो मेरे पंचायत के चौधरी है और पूर्व जिला पार्षद भी।आखिर ऐसे संगठन का क्या औचित्य है?
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