नॉबतपुर में बाबा साहेब की मूर्ति तोड़ने वाले पर सख्त कार्यवाही हो !- प्रसिद्ध यादव।
जो पूरे दुनिया वाले के हृदय में बसे हुए हैं, उसे कुछ गंदे नाले की कीड़े मकोड़े क्या बिगाड़ सकता है? अगर कोई अपने कोई अपने आप को बाहुबली समझता है तो रात के अंधेरे में चोर की तरह इनकी प्रतिमा को क्यों तोड़ा? दिन के उजाले में तोड़कर दिखाता।मुझे पूरा यकीन है कि अगर किसी ने इनकी प्रतिमा को हाथ लगाने की दुःसाहस भी किया तो हाथ तोड़ दिया जाएगा। नॉबतपुर प्रखंड के अदला पंचायत के सारसत गांव में ग्रामीणों ने चंदा कर के बाबा साहेब की प्रतिमा बनवाया था ताकि वहां के लोग इनके बारे में और संविधान के बारे में जाने। मूर्ति टूटने पर ग्रामीण फफक फफक कर रो रहे थे।
संविधान को जानने का मतलब अपने अधिकार को जानना और ढोंग,अंधविश्वास से दूर रहना।यही बात धर्म के नशा खिलाने वाले को नागवार गुजरता है और बाबा साहेब का विरोध करता है।आदमी कैसे अपने अधिकारों के साथ, बिना भेदभाव मान सम्मान के साथ जिये ?यही बात इनके विचारों में है।अगर बाबा साहेब की प्रतिमा की जगह कोई देवी देवता की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो जाती तो देखते कैसे कैसे ढोंगियों की ज़मीर जाती ? घर की इज्जत चली जाती! धर्म खतरे में पड़ जाता ,लेकिन बाबा साहेब की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने से बहुतों को फर्क नहीं पड़ा। ऐसे दोगली मानसिकता वाले से ही अंबेडकरवादियों को खतरा है। आज लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि अब प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। बिहार सरकार को अपने खर्च पर इनकी मूर्ति को बनाकर घेराबंदी करे और दोषियों को चिन्हित कर सख्त करवाई करे।
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