फुलवारी में हुई अम्बेडकर परिचर्चा !- प्रसिद्ध यादव।


 

  





  भाजपा हिन्दू धर्म के नाम पर संविधान हटाने का कुचक्र रच रहा है - प्रसिद्ध यादव  मुख्य वक्ता।

21 मई को फुलवारी शरीफ प्रखंड के  प्रखंडिये अम्बेडकर परिचर्चा  , कुरथौल में  हुआ।  सबसे पहले बाबा साहेब अंबेडकर की तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता  अम्बेडकर पर चिंतन करने वाले प्रसिद्ध यादव ने  अम्बेडकर की विद्वता को अद्वितीय बताया। अम्बेडकर की देन है कि भारत में इंसान  इंसान का दर्जा पाया वरना इससे पहले मनुष्य जानवर से भी बदतर था।  जो समता की बात करता है, भाईचारा, समाजवाद की बात करता है वो संविधान मनुवादियों को खटकता है।भाजपा को मनुसंहिता चाहिए, जिसमें 90 फीसदी लोगों को अपने पैरों की जूती समझे ,आदमी की छाया से भी ढोंगियों के धर्म नष्ट हो जाये । हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले संविधान विरोधी, देश द्रोही है, उस पर भी न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए।संदीप कुमार ने संविधान की धारा 340 और 341 की व्यापक रूप से व्याख्या किया। आरएसएस मनुवाद के विरासत के लोग हैं । तथाकथित बाबाओं मनुवाद का सेफ्टी वॉल्व है।अब6 कहते थे जीने से ज्यादा जरूरी जागते हुए जीना है । कौशर खाँ ने बताया कि  संविधान है तो हम सभी सुरक्षित हैं।   भाजपा को सबसे ज्यादा खटक रहा है कि  संसद में और विधानमंडल में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग एक निश्चित संख्या में लोग क्यों चुन कर आते हैं जो बाबा साहेब की दूरदर्शिता का परिणाम है।सभा की अध्यक्षता ध्रुव यादव ने किया । जिला पार्षफ दीपक मांझी  ने कहा कि संविधान के बदौलत एक इंदिरा आवास में रहने वाला हूँ और कलेक्टर के साथ बैठता हूँ, जनता के विकास के लिए प्रयासरत रहता हूँ।राकेश रंजन ने कहा कि बाबा साहेब को विद्यालय में सबसे अलग बैठाया जाता था और जिस दिन पानी पिलाने वाला नहीं आता था, उस दिन उन्हें प्यासे ही रहना पड़ता था, क्योंकि उन्हें मटकी छूने का अधिकार नहीं था। इस बात की जिक्र अपनी आत्मकथा में लिखा है कि no peon, no water .  अरुण कुमार, लाल बाबू,लाल बहादुर  ने बाबा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बाबा ने 1 बार कहा कि कैसे हो बिहार के पागलों तो एक लाख जुटे, दो बार कहा तो दो लाख और 5 बार अंत में कहा तो 5 लाख पागलों की भीड़ लग गई। गोल्डन,छोटे खान,सिद्धनाथ यादव, शत्रुध्न,दिनेश रजक उमेश,अवधेश आदि ने भी संबोधित किया। सभा के अंत में  प्रसिद्ध यादव ने बाबाओं की जादूगरी को मंच पर कर के दिखाया और बताया कि ये कोई चमत्कार नहीं  बल्कि ज्ञान की बात है। धन्यवाद ज्ञापन दिनेश कुमार ने किया।

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