बिहार के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर भाजपा को करेगा भारी नुकसान !- प्रसिद्ध यादव।
बिहार के 13 लोकसभा व 40 विधानसभा में मुस्लिम वोटर हैं निर्णायक !-
बिहार में मुस्लिम वोटर का अच्छा वजूद है, इसके बावजूद भाजपा का लोकसभा चुनाव में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा।वजह जदयू के साथ रहना। 2023 में जदयू महागठबंधन के साथ आने पर भाजपा सहमी हुई है।इसलिए दलित ,पिछड़े वोटर पर नजर रख रही है। ओबैसी इस चुनाव में कोई करिश्मा नही कर सकते हैं। इस तरह 40 में से 13 सीधे घट जाएगा।बाकी नालंदा, सीमांचल , मगध, शाहबाद के क्षेत्र में भी भाजपा को मस्कत करनी पड़ सकती है।2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की कुल आबादी 10,40,99,452 है। इसमें पुरुषों की संख्या 5,42,78,686 और महिलाओं की तादाद 4,98,21,295 है। कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत महज 16.9 है। वर्तमान बिहार में मुसलमानों की कुल आबादी 1,75,5,78,09 है। जिसमें पुरूष 90,44,086 और महिलाएं 85, 13,723 है।
सर्वाधिक मुस्लिम वोटर वाला क्षेत्र किशनगंज
राज्य की मुस्लिम आबादी 16.9 फीसदी के करीब है। 13 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुसलमान मतदाताओं की संख्या 12 से 67 फीसदी के बीच है। बिहार में सर्वाधिक मुस्लिम वोटर वाला लोकसभा क्षेत्र किशनगंज है, यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 67 फीसदी है, वहीं दूसरे स्थान पर कटिहार है, जहां मुस्लिम वोटर की संख्या 38 फीसदी, अररिया में 32 फीसदी, पूर्णिया में 30 फीसदी, मधुबनी में 24 फीसदी, दरभंगा में 22 फीसदी, सीतामढ़ी में 21 फीसदी, पश्चिमी चंपारण 21 फीसदी और पूर्वी चंपारण 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। सीवान, शिवहर खगडिय़ा, भागलपुर, सुपौल, मधेपुरा, औरंगाबाद, पटना और गया में 15 फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं।
विधानसभा के 243 सीटों में से तीन दर्जन से अधिक सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक स्थिति में हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम वोटर 20 से 40 फीसदी या इससे भी अधिक हैं। राज्य की 11 के करीब ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता 40 फीसदी के करीब है।
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