अपने ही जमीन में आने जाने के लिए तरस रहे हैं रेलवे के इंजीनियर अनिल ! - प्रसिद्ध यादव।
दानापुर मंडल में पीडब्लूआई इंजीनियर अनिल कुमार अपने ही जमीन में रास्ते के लिए अपने छोटे भाई मणिशंकर से तरस रहे हैं। फुलवारी थाना में अपने प्लाट के लॉक होने पर 18 जून को एक आवेदन दिया ।इससे पूर्व भी फुलवारी अंचलाधिकारी को अनिल ने पारिवारिक बटवारा पर आपत्ति जताई थी कि उनके अनापत्ति पत्र के बिना बटवारा कर दिया गया, लेकिन फुलवारी अंचल का ट्रैक रिकॉर्ड इतना गंदा है कि यहां के सीओ पर आरोप तक गठित हो गया है।फुलवारी के थाना अध्यक्ष भी निलंबित हो चुके हैं। फुलवारी में सिर्फ पैसा बोलता है, साक्ष्य ,तथ्य नहीं। रेलवे के ट्रैक को देखभाल करने वाले इंजीनियर अनिल सुलभ और सुरक्षित रेल चले इसकी भरपूर ध्यान रखते हैं।अभी दानापुर मंडल कार्यालय में सेफ़्टी को देखते हैं।यह दुर्भाग्य ही कहे कि देश की लाइफलाइन को सुरक्षित व सेफ्टी रखने वाले अपने ही छोटे भाई से अपनी लाइफलाइन और सेफ्टी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
मामला इस तरह है -
फुलवारी अंचल के बोधगवां मौजा के बसन्तचक निवासी स्व शियाशरण सिंह के 5 पुत्र हैं।ज्येष्ठ पुत्र इंजीनियर अनिल कुमार हैं और इसके बाद मणिशंकर।अनिल को माने तो इनके सहमति के बिना पारिवारिक बटवारा हो गया। बोधगवां मौजा के थाना no 46 में बसन्तचक मुख्य सड़क से उत्तर करीब 16 कट्ठा के प्लॉट है जो प्लाट no 356 ,360 ,339 है।मणिशंकर सड़क से 8 कट्ठा अपने हिस्से में रखे हैं, इसके ठीक उत्तर में अनिल कुमार का 8 कट्ठा है। पीछे वाले जमीन को 16 कट्ठा रास्ते देने की बात मौखिक रूप से थी लेकिन अब मणिशंकर अपने 8 कट्ठा जमीन की चहारदीवारी कर रहे हैं, जिससे अनिल की जमीन लॉक हो जाती है।अनिल कुमार ने आपत्ति जताई कि मुझे रास्ता चाहिए।मणिशंकर ने रास्ते के बदले 3 कट्ठा जमीन मांग रहे हैं।अनिल ने बताया कि यह गलत है । अनिल ने करीब 50 फिट फ्रंट जमीन को बीच से 10 -12 के रास्ता निकालकर दो हिस्से में करने की भी मांग कर रहे हैं।रास्ता दोनों पक्ष के हिस्से से जाएगा ,नहीं तो मुझे आगे दे दें।इसी बात पर दोनों पक्ष में तनाव बढ़ गया और मामला कानून के शरण में चला गया। पंच किस नजरिए से देखते हैं यह भी दिलचस्प है। एक ही बटवारा में एक भाई को 8 कट्ठा जमीन और एक को 5 कट्ठा जमीन यह कहाँ तक न्यायसंगत है? यह बात पंचायत के सरपंच को भी अंतरात्मा की बात सुनकर न्याय करना चाहिए।
पीड़ित ज्येष्ठ पुत्र हैं और ज्येष्ठ पुत्र को बनवास मिलते रहा है, उससे चिंतित नहीं होना चाहिए।यह पुरस्कार छोटे भाई को देखभाल, देखरेख करने के एवज में मिले तो कोई आश्चर्य नहीं है। इसकी एक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इनलोगों के साथ मेरा भी एक अलग से शांति के लिए ही एक यज्ञ चल रहा है। इसलिए हम बहुत कुछ लिखने से परहेज करते हैं। दोनों पक्ष हमारे भतीजा हैं।फुफेरे भाई के पुत्र हैं।फुफेरे भाई भी अभियंता थे और महाभारत के साथ साथ संस्कृत के अच्छे ज्ञाता थे। आज के परिदृश्य देखकर मुझे महाभारत के हर पात्र जीवंत लगते हैं ।अंत में मैं कामना करता हूँ कि सद्बुद्धि ,सहमति से शांति कायम हो।
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