भाजपा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने की वादा भूल गई!-प्रसिद्ध यादव।
भाजपा के लिए यह अमृतकाल नहीं,मित्रकाल है।
केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग लागू न कर कृषि तीन बिल लागू कर दी थी, जो किसानों के उग्र आंदोलन के बाद सरकार को यह बिल वापस लेनी पड़ी थी।
प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को अपने देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. स्वामीनाथन जेनेटिक वैज्ञानिक हैं. तमिलनाडु के रहने वाले इस वैज्ञानिक ने 1966 में मेक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए. यूपीए सरकार ने किसानों की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आयोग का गठन किया जिसे स्वामीनाथन आयोग कहा गया. यह सवाल आता है कि आखिरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें क्या थीं जिसे लागू करने की मांग की जाती है.
दरअसल, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को आज तक लागू नहीं किया जा सका. कहा जाता है कि अगर इस रिपोर्ट को लागू कर दिया जाए तो किसानों की तकदीर बदल जाएगी. अनाज की आपूर्ति को भरोसेमंद बनाने और किसानों की आर्थिक हालत को बेहतर करने के मकसद से 18 नवंबर 2004 को केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था. इस आयोग ने पांच रिपोर्ट सौंपी थीं.
स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट में भूमि सुधारों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. अतिरिक्त और बेकार जमीन को भूमिहीनों में बांटना, आदिवासी क्षेत्रों में पशु चराने का हक देना आदि है .
आयोग की सिफारिशों में किसान आत्महत्या की समस्या के समाधान, राज्य स्तरीय किसान कमीशन बनाने, सेहत सुविधाएं बढ़ाने और वित्त-बीमा की स्थिति पुख्ता बनाने पर भी विशेष जोर दिया गया है. यदि इसे लागू किया जाए तो किसानों की स्थिति में काफी सुधार की संभावना है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) औसत लागत से 50 फीसदी ज्यादा रखने की सिफारिश भी की गई है ताकि छोटे किसान भी मुकाबले में आएं, यही इसका मकसद है. किसानों की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य कुछेक नकदी फसलों तक सीमित न रहें, इस लक्ष्य से ग्रामीण ज्ञान केंद्र और बाजार का दखल स्कीम भी लांच करने की सिफारिश की गई है.
आलू के चिप्स भारत में सबसे लोकप्रिय रेडी-टू-ईट स्नैक आइटम में से एक हैं। और कोई भी व्यक्ति छोटी पूंजी निवेश के साथ छोटे पैमाने पर निर्माण परियोजना शुरू कर सकता है। इसके अतिरिक्त, उसी इकाई से आप फ्रेंच फ्राइज़ और केले के वेफर्स भी बना सकते हैं। यह आपकी इकाई की समग्र लाभप्रदता में वृद्धि करेगा इस बिज़नेस की शुरुवात करना भी बहुत ही आसान है वर्तमान में, आलू के चिप्स विभिन्न स्वादों और स्वादों में उपलब्ध हैं। सूची में नमकीन, खट्टा, मीठा, गर्म सॉस, केचप, हल्का नमकीन, लाल गर्म, आदि शामिल हैं।
आलू के चिप्स विश्व स्तर पर सबसे लोकप्रिय नमकीन स्नैक आइटम हैं। आलू 15-20रुपये किलो तो इसके चिप्स 300 रुपये किलो बिकते हैं। 20 रुपये किलो बिकने वाली टमाटर 50 रुपये लीटर इसके सॉस बिकते हैं। मकई के भी फ़ूड प्रोसेसिंग के द्वारा इसकी कीमत 20 गुना से अधिक हो जाती है लेकिन सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण किसान अपनी फसल को सड़कों पर फेंक देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
Comments
Post a Comment