कठिनाई एक सबक है संघर्ष की प्रेरक है । ( कविता ) -प्रसिद्ध यादव।

   कठिनाई एक सबक है

संघर्ष की प्रेरक  है ।


उतार _चढ़ाव ,धूप _छाया 

सब  है  मोह  - माया 

न मिला , उसकी न परवाह

संघर्ष में रहें

नहीं किसी की चाह।

अवसाद -विषाद क्या ?

उत्साह,निराश क्या ?

न पाकर इतराओ

न खोकर पश्चताओ

यहां क्या है अपना

सब है सपना

सब संग हंसिए

प्रेम से रहिए

यही है जीने की कला

खुद को धन्य हो

औरों को भी हो भला।

जीवन को प्रवासी जानकर

मत कर ज्यादा मोह

कहीं  रह गया अकेला तब

होगा बड़ा छोह ।


Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !