आसमान में बादल निहारते किसान ! -प्रसिद्ध यादव।
बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में वर्षा नहीं होने से सूखे की स्थिति हो गई है। किसान आसमान में छाये बादलों को आशा भरी नज़रों से निहार रहे हैं लेकिन ये भी दगा दे रही है। सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण आज भी करीब 80 फीसदी किसान प्रकृति के भरोसे हैं। नहर है तो पानी नहीं, आधे से अधिक ट्यूबेल बन्द परे हैं।निजी बोरिंग भी जल स्तर गिरने से फेल हो रहे हैं। जुलाई के अंतिम महीना धान की रोपाई का समय होता है लेकिन यहां रोपनी की बात तो दूर धान के बिचरे सुख रहे हैं। यही हाल मौसमी सब्जियों की भी है। देश के पश्चिम उत्तरी भाग में अतिवृष्टि से जल जीवन अस्त व्यस्त है तो पूर्वी दक्षिणी भाग अनावृष्टि से अकाल की स्थिति बनी हुई है। बिहार में कुछ समय बाद वर्षा होती है तो ' का वर्षा जब कृषि सुखाने वाली बात होगी। सिंचाई के समुचित प्रबंधन नहीं होने के कारण किसानों के सामने भयावह स्थिति हो जाती है। बिहार सरकार डीजल अनुदान की घोषणा की है ,लेकिन यह इतना न जटिल प्रक्रिया है कि इसका लाभ लेने से किसान वंचित रह जाते हैं और गैर किसान इसका लाभ ले लेते हैं। दिन पर दिन पेड़ों की कटाई ,नगरीकरण ,बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव भी अल्पवर्षा के कारण बन रहे हैं।सरकार किसानों को सुखाड़ से अविलम्ब राहत देने की योजना बनाये।
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