डॉ मनमोहन सिंह की शालीनता अनुकरणीय ! -प्रसिद्ध यादव।

  


डॉ मनमोहन सिंह की विद्वता, सौम्यता,शालीनता का देश कायल था। वे भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारवादी के जनक थे और इन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के भंवर से निकाले थे।इनके प्रधानमंत्रित्व काल के भाषणों को पढ़ेंगे तो एक भी शब्द न अमर्यादित, न कट्टू ,न नफ़रत फैलाने वाले थे।वे विरोधियों को भी मान सम्मान दिए ।वे संसद में मौन रहकर विरोधियों की बात सुनते रहे।कभी कोई उग्र या क्रोधित होते नहीं देखा। सचमुच महात्मा बुद्ध की तरह शांत स्वभाव से अपनी अद्भुत प्रतिभा से देश को नियंत्रित करते रहे।  मनमोहन सिंह ने चंडीगढ़ से बीए (ऑनर्स) की डिग्री ली. फिर इसी यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) एमए की डिग्री ली. इसके बाद वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए. यहां से उन्होंने पीएचडी की डिग्री ली. 1955 और 1957 में कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'राइट्स पुरस्कार' से उन्हें सम्मानित किया गया था. फिर मनमोहन सिंह ने 'नफील्ड कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी) से डी फिल पास किया.

बाद में मनमोहन सिंह पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे. उन्होंने दो साल तक 'दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स' में पढ़ाया. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में मानद प्राध्यापक भी बने. इस समय तक डॉक्टर मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री के रूप में काफ़ी प्रसिद्ध हो चुके थे. उनकी  प्रतिभा को इंदिरा गांधी ने सम्मानित किया और इन्हें 'रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया' का गवर्नर बनाया गया.

  इनके पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, चंद्रशेखर सिंह, नरसिम्हा राव, राजीव गांधी, लाल बहादुर शास्त्री ,पंडित नेहरू जैसे प्रख्यात विद्वान जनों की भाषा संयमित होती थी लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के भाषणों को सुनें ।कैसे विपक्ष के नेताओं को  ओछी ,निम्नस्तरीय शब्दों के प्रयोग किया है । मसलन 'टुकड़े टुकड़े गैंग, भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा ,देशद्रोही ,राजनीति की दुकान ' आदि शब्द सुनकर लगता है कि हम किसी सड़क छाप व्यक्ति की बात सुन रहे हैं। पीएम देश के चेहरा होते हैं, लोग इनकी बातों का अनुसरण करते हैं।लोग इनसे देश की नीतियों, विकास की योजनाओं ,लोककल्याण की बात सुनने की अपेक्षा करते हैं न कि निम्नस्तरीय बातें। पीएम भ्रष्टाचार, काले धन पर खूब बोलते हैं लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते हैं, जहाँ सवालों के जवाब देना पड़ता है।मन की बात कहते हैं जो वन वे हैं।यहां सिर्फ आउट गोइंग होता है, इनकमिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

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