बेशर्म भ्रष्टाचारियों को कील ठोक देना चाहिए! - प्रसिद्ध यादव
अकूत संपति ही भ्रष्टाचारी की पहचान है। आय से अधिक संपत्ति बनाने वाले निश्चित रूप से भ्रष्टाचारी है। अनगिनत जमीन के भूखंड खरीद कर सात पुश्तों की बिना कमाए जीवन यापन की व्यवस्था कर देता है। भले ही जिसके लिए किया वो मुँह में मूत दे ,फिर भी कोई बात नहीं है। भ्रष्टाचारी के संतान उस संपदा को पैतृक संपत्ति समझ कर काले धन को बेचकर उजला धन बनाने के लिए नई संपदा खरीद लेता है लेकिन भ्रष्टाचारी को नहीं भूलना चाहिए कि जैसे कर्जदार के मरने के बाद कर्ज खत्म नहीं होता है और इसकी वसूली इसके वारिस से होता है।वैसे ही काले धन की वसूली भ्रष्टाचारी के मौत के बाद उसके वारिस से होता है। ऐसे लोग देशद्रोही होते हैं और इसे सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने भ्रष्टाचार के आरोपित एक अधिकारी के यहां शुक्रवार बड़ी कार्रवाई की है. EOU ने बिहार राज्य खाद्य निगम के सहायक प्रबंधक सह उप-महाप्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की है. उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है. इसी को लेकर शिशिर कुमार वर्मा के विरूद्ध आर्थिक अपराध थाना में दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को (B) भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की विभिन्र धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वर्मा ने बिहार राज्य खाद्य निगम में कार्यरत रहते हुए अर्जित आय के स्रोत से 45 लाख 71 हजार 967 रुपये की परिसम्पत्ति अप्रत्यानुपातिक धनार्जन के द्वारा अर्जित की जो उनकी ज्ञात आय से 101.6 प्रतिशत अधिक है। इसी को लेकर ईओयू द्वारा विशेष न्यायालय निगरानी, पटना से प्राप्त सर्च वारंट के आधार पर उनके पटना स्थित कार्यालय एवं पटना तथा बेतिया के आवासीय परिसर में छापामारी की जा रही है।
इस दौरान उनके ठिकानों से जेवरात सहित कई अन्य प्रकार के कागजात आदि मिलने की खबर है. वहीं पटना और बेतिया स्थित उनके ठिकानों पर अभी भी रेड जारी है. कितना धन चाहिए भ्रष्टाचारियों को।
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