उत्पाद विभाग का उत्पात ! मुर्गा होता हलाल!
थाना पुलिस हो या उत्पाद विभाग की पुलिस इसकी नज़र सिर्फ़ शराबियों पर है।ये अच्छी पहल है लेकिन पुलिस शराबियों को अपने आय का साधन मानकर इसे बड़ी ईमानदारी से करती है।ऐसे भी जितनी ईमानदारी बेईमानी के कामों में होती है, उतनी कहीं नहीं। राह चलते राहगीरों को रोककर मुँह सूंघना पुलिस की आदत बन गई है।मुँह से वाश आया तो डील शुरू होती है।दस हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक वसूली होती है और ये सारे रुपये सरकारी खजाने में न जाकर निजी पॉकेट में चली जाती है।पुलिस की की पॉकेट गरम गरम हो जाती है। आय दिन आबकारी पुलिस पर हमले की खबरें आती हैं।इसकी वजह है कि आम आदमी यह जान गया है या धारणा बन गया है कि वे वर्दी में लुटेरे हो गए हैं।जब पुलिस को अपनी छवि की चिंता नहीं है, उसे पैसे प्यारी है तो कौन क्या करे? भ्रष्ट पुलिस अभी निडर है, उसे नॉकरी की परवाह नहीं है।नया शराबबंदी कानून में धारा 37 ए बी सी थीं,वह धारा 37 हो गया है।जिसमें शराब पीने पर पकड़े जाने पर दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना या तीस दिनों के कारावास की सजा है।अगली बार पकड़े जाने पर एक साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। इस नियम का पालन पुलिस तब ही कर रही है जब पकड़े जाने वाले रुपये देने में सक्षम नहीं होता है। जब से बिहार में शराबबंदी लागू किया गया है तब से पुलिस की चांदी है। दो दिन पूर्व मेरे गांव के खगौल सब्जी लाने जा रहे थे रास्ते में उत्पाद पुलिस रोक दी।झट से पॉकेट से दो हजार रुपये निकाला और पुलिस को थमाया।पुलिस समझ गई कि कोई मालदार है।फिर घर से और चार हजार रुपये मंगवाकर पुलिस दान, महादान किया तब कारावास ग्रह से मुक्ति मिल गई। धनम मन्त्रम से शीघ्र सारे विघ्न नष्ट हो जाता है। ये पुलिस की हर दिन की हजारों हजार की विशुद्ध आय है।खगौल थाना भी रामजानकी चौक जमालुद्दीन चक नहर पर जिप्सी लगाए रहती है। कोई न कोई मुर्गा फंसना तय है।जिसकी डियूटी यहां शाम में लग गई, उनकी लक्ष्मी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं। पुलिस अब शराब निर्माण की जगह नहीं जाती है, क्योंकि वहां खतरे की संभावना रहती है।
पीने वाले भी शातिर - बाबूचक नवनिर्मित रेल लाइन पर पीने वाले चढ़ कर पीते हैं। यहां पीने वाले सेफ जोन में है।नीचे पुलिस ऊपर पियक्कड़।गज़ब दृश्य होता है। पुलिस को ऊंचे रेल लाइन पर चढ़ते चढ़ते पियक्कड़ नव दो ग्यारह। अब आँखें मिचौली होती है। यह सेवा कई गांवों को लोग ले रहा है।इसी मुर्गे के इंतजार सड़क पर पुलिस करती है और हलाल करती है।
दिवाली में डबल मुनाफा -पुलिस को पियक्कड़ के साथ जुआरी भी सुलभ से मिल जाता है।
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