समझौतावादी नहीं ,आक्रमक बनें। -प्रसिद्ध यादव।

यही कारण है कि बहुत कम मेरे मित्र हैं।पता नहीं, जो हैं भी वो मुझे कितना झेलते होंगें,तभी वो मित्र बने हुए हैं। मेरे मित्र होने का मतलब मेरे विचारों के सहगामी ।यही कारण है कि मेरी पहचान किसी और से नहीं खुद से है।अच्छा हों या बुरा। संवेदनहीन लोग मुझे कतई बर्दाश्त नहीं होते हैं। निष्ठुर, क्रूर ,जालसाज,धोखेबाज, चापलूस से कोसों दूर रहता हूँ। मन को पढ़ने की कला को जानें।यह सब बता देता है।बॉडी लैंग्वेज सब कुछ कह देता है।एक अंधा आदमी किसी को भी उसके हरकत से बता देता था और वो सत्य होता था।राजा को यह जानकर आश्चर्य हुआ की यह कैसे संभव हो सकता है?वे अंधे को दरवार में बुलाया और अपनी पत्नी की पतिव्रता स्त्री पर सवाल पूछ दिया। अंधा ऐसे सवाल पूछने के लिए मना किया, लेकिन राजा ज़िद पर अर गया।अंधा व्यक्ति राजी हो गया और रानी को अपने साथ कमरे में भेजने के लिए बोला। कमरे में सिर्फ अंधा और रानी थी।अंधा रानी से बोला - आप मुझे छूने दें! इतना सुनते ही रानी उसे लात, जूते मारने लगी।अंधा किसी तरह घायल होकर कमरे से बाहर निकला।राजा ने सवाल का जवाब मांगा तो अंधा बोला-आपकी पत्नी पतिव्रता स्त्री नहीं है! वो कैसे?राजा के सवाल पर अंधा बोला-मैं सिर्फ रानी को छूने के लिए बोला ,वो छूने से मना भी करती,लेकिन वो मुझे उल्टे मारने में सभी अंगों को छू लिया, जो पतिव्रता स्त्री ऐसा नहीं करती।इसके अलावा अन्य गूढ़ रहस्यों को बताया।वो मन को पढ़ लेता था, वो किसी की हरकत से पहचान लेता था और हम बुद्धिजीवी हैं कि बिना धोखा खाये लोगों को पहचानते नहीं है।हमें मन की भाषा, बॉडी लैंग्वेज पढ़ने आता ही नहीं है।कोई आंखें मिलाकर बातें नहीं कर रहा है तो वो सिर्फ झूठ बोल रहा है।बात करते समय वो आपको नहीं देख रहा है या कोई अन्य हरकतें कर रहा है तो वो आपकी बात नहीं सुन रहा है। समायोजन व समझौता आदमी को कायर,काहिल,जाहिल बना देता है। जो जहाँ चुनोती दे ,उसे स्वीकार करें और उससे दो -दो हाथ करने के लिए तैयार रहें।समझौतावादी होने के कारण विरोधियों के मन बढ़ जाता है। क्रांतिकारी की तरह बिगुल फूंक देना चाहिए। बदनामी की डर से लोक लिहाज त्याग कर चट्टानों की तरह खड़े हो जाएं।एक बार मन से डर निकाल दें।शत्रुओं को आप धूल चटा सकते हैं, क्योंकि वे आपसे ताकतवर नही है। जो समझौता नहीं कर खुद के निर्णय पर चलते हैं, वो ही मुकाम हासिल करते हैं। डर अनैतिक ,गैर कानूनी कामों से होना चाहिए, लेकिन उल्टे यही लोग निडर होते हैं और जहां निडर होना चाहिए, वहां भींगी बिल्ली बन जाते हैं

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