ग्रामीण कलाकारों ने बाबूचक में धूम मचाई!-प्रसिद्ध यादव

  

   तकनीकी खराबी के कारण फ़ोटो नही आ रहा है।

आज जहाँ बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़ के बीच ग्रामीण लोक कलाएं विलुप्त के कागार पर पहुंच रही है और कलाकार भी उपेक्षित हो रहे हैं।ऐसे में मेरा गांव बाबूचक में ग्रामीण कलाकारों की जुटान होती है।कल काल रात्रि के अवसर पर मेरे गांव की मंदिर में कलाकारों ने एक से लोक गीत ,संगीत की मिठास से वातावरण संगीतमय हो गया था।इस कार्यक्रम में मेरा और ग्रामीणों के  25 वर्षों से अनवरत प्रयास सफल है। कलाकारों में हमारे गांव के रामजी राय, अरुण कुमार, गोपाल राय, मैं और राजकीय कलाकार पुनपुन प्रखंड के बेहरावना के मंटू बाबा नाल ,हारमोनियम के साथ युगलबंदी करते हुए देवी भजन, पूर्वी की राग से लोगों को झूमा दिया।हारमोनियम वादक मंझौली निवासी बुधन शर्मा जी की उंगलियां हारमोनियम के रीढ़ पर पड़ती तो लगता कि  सातों सुर समा बांध दिया। एक महिला कलाकार और उनके साथ ढोलक पर दिनेश जी ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया। दानापुर दियारा से डंडन यादव पूर्वी और निर्गुण से मन मोह लिया।अंडा से विनोद यादव भी कई भजन सुनाये। शाहपुर थाना की पुलिस भी इस कार्यक्रम का लुफ्त उठाये। सभी कलाकार निशुल्क अपनी कला को दिखाते हैं मात्र मेरे एक फोन पर।अतिथि कलाकारों को संजीत यादव और मेरे द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कलाकारों को पैसे कहीं और मिलता होगा लेकिन जितना मान सम्मान हमलोग देने का प्रयास करते हैं अन्यत्र दुर्लभ है।यह 26 वर्षों का कारवां हमारा जारी है और दर्शकों की कोई कमी नहीं होती है।महिला पुरूष सैंकड़ों की संख्या में रात भर गीत संगीत का आनंद लेते हैं। आप भी लोक कलाकारों, को प्रोत्साहित करें ताकि हमारा धरोहर बना रहे।

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