श्रीनाथ का कुली से आईएस होने का सफ़र!-प्रसिद्ध यादव।
कहते हैं सच्चे मन से किया गया कार्य निष्फल नहीं होता है।माना कि आर्थिक तंगी जीवन में अनेक बाधाएं उत्पन्न करती है लेकिन कोई दरवाजा बंद हो जाये ये कदापि नहीं होता है। सिविल सेवा की परीक्षा यानी यूपीएससी एक चक्रव्यूह की ताह है तो श्रीनाथ वो योद्धा हैं जो बिना किसी की मदद के ना केवल इस चक्रव्यूह में घुसे बल्कि इसे पास भी किया. एक तरफ जहां हर साल लाखों लोग इस कठिन परीक्षा को पास करने के एक से बढ़ कर एक कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा लेते हैं.
वहीं केरल के श्रीनाथ ने इस कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग के ही पास कर लिया था. इससे भी बड़ी बात ये है कि श्रीनाथ ने जब इस कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू की तब वह रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे. पहले केरल पब्लिक सर्विस कमीशन और फिर यूपीएससी में कामयाबी पाने वाले श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मे श्रीनाथ ने अपना
श्रीनाथ कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे सकते थे और उनके मन में यही बात थी कि बिना कोचिंग सेंटर के वह इस कठिन परीक्षा को पास ना कर पाएंगे. यही वजह रही कि उन्होंने केपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी. उनकी इस कठिन राह को रेलवे स्टेशन पर लगे फ्री वाईफाई ने आसान बनाया. दरअसल, उन्होंने इसी वाई-फाई से अपने स्मार्ट फोन पर पढ़ाई शुरू कर दी थी.
ये फ्री वाईफाई उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था. वो यहां कूली का काम करते और समय मिलते ही ऑनलाइन लेक्चर सुनने लगते. अपनी इस लगन और मेहनत के दम पर श्रीनाथ ने केपीएससी में सफलता हासिल कर ली. यहां से उनके मन में ये विश्वास आ गया कि वह इसी तरह फ्री वाईफाई की मदद से यूपीएससी की परीक्षा भी पास कर सकते हैं.
श्रीनाथ अपनी बेटी की उज्ज्वल भविष्य के लिए जी तोड़ मेहनत कर इस मुकाम तक पहुंचे । इससे पूर्व साउथ के ही जी कृष्णय्या कुली के काम करते यूपीएससी क्रेक कर बिहार में जिलाधिकारी बने थे, जिनकी हत्या कर दी गई थी।
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