टिकटार्थी ही बहुजन मनुवादियों के साथ।-प्रसिद्ध यादव।
आज भी बहुजन मनुवादियों को अपना शत्रु मानती है और इसकी हृदयपरिवर्तन हो जाएगा असम्भव । सदियों से जो बहुजनों को अछूत समझती रही उसे एकाएक इनसे प्रेम छलावा से ज़्यादा कुछ नहीं है। भाजपा पटना में गोवर्धन पूजा शुरू किया । इसके टिकटार्थी जोर शोर से यादव नेता होने का स्वांग रचते रहे ।कुछ तो मोदी को कृष्ण और लालू यादव को कंश तक चमचागिरी में कह दिया। जैसे स्वर्ण ,व्यवसायी भाजपा के साथ है वैसे ही यादव ,अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक लालू यादव के साथ चट्टानी एकता के साथ खड़ा है। कुछ तो कह दिया कह दिए कि यादव किसी के जागीर नही है लेकिन यादव किसी की गुलामी नहीं करता है। अयोध्या में 22 लाख के द्वीप प्रज्वलित करने वाले बिहार में 1 लाख 22 हजार रोजगार से तुलना हो सकता है क्या ? यादव के नेता होने के दम्भ भरने वाले को यह कहने में शर्म आती है क्या ?यादव की आबादी 14.5%रोजगार 1.55%,मेडिकलमें 0.04 %%। पूरे डिटेल्स को दें तो दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। bmw गाड़ी में घूमने वाले गरीब के स्वांग रचने वाले को मैं खूब पहचाना हूँ।कुछ दागी कमल ब्रांड में पवित्र होने के लिए टिकट के लिए जा रहे हैं, उनके काले चिठे को देखकर दंग हो जाएंगे। आज जमीन के बदले रेल में नॉकरी की हल्ला मचाने वाले का लिस्ट मेरे पास है कि किसके भाई कहाँ रेलवे में नॉकरी करते हैं वे संस्कारी दल के नेता हैं।इसकी रिपोर्ट मैं सूचना के अधिकार से पाया है।जो स्वाभिमान को गिरवी रखकर जीता है वो मुर्दा है नेता की बात तो दूर है।
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