सत्यमेव ग्रुप रियल एस्टेट एंड एडुकेशन के डायरेक्टर रंजीत सिंह मिलकर दिए दीपावली की शुभकामनाएं!-प्रसिद्ध यादव।

 






रंजीत सिंह बिहार में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। युवावस्था में ही रियल एस्टेट एंड एडुकेशन व्यवसाय में आ गए और अपने मेहनत ,ईमानदारी, लग्न ,निष्ठा से बिहार में एक मुकाम हासिल कर लिए। आज भी मुझे बड़े भाई ही कहते हैं। मेरी जान पहचान मीडिया के माध्यम से हुई।इसके बाद फिर हमारे हर छोटे मोटे कार्यक्रम के वे हिस्सा बन गए।चर्चित रंगकर्मी ज़नाब नवाब आलम जी के नाट्य संस्था ' सूत्रधार ' के सहयोग करने लगे। स्पॉन्सर बन गए और फिर रंजीत सिंह मैं और नवाब आलम जी की त्रिमूर्ति की मित्रता हो गई, जो कारवां आज तक जारी है।आज दोपहर में रंजीत सिंह जी मुझसे और नवाब आलम जी से दीपावली के अवसर पर सत्यमेव ग्रुप  अपार्टमेंट में मिलने का समय तय हुआ और हम तीनों गर्मजोशी से मिले एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। रंजीत सिंह द्वारा मुझे और नवाब भाई को दीपावली की  अमूल्य उपहार देकर सम्मानित किया। रंजीत जी की सादगी के हमलोग कायल हैं।कभी छोटा बड़ा का लेस मात्र भी अनुभूति होते नहीं देखा।इनकी हस्ती क्या है?ये बताना मुनासिब नहीं समझता हूं लेकिन इतना तो कह ही सकता हूँ कि बहुत जल्द ही एक सितारा की तरह चमकते हुए लोग जानेंगे।हम हृदय से शुभकामनाएं देते हैं।
इस दीपावली पर कुछ महान कवियों की कविताओं पर चिंतन करें ।
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना 
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। 
-गोपालदास "नीरज"
आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ
-अटल बिहारी बाजपेयी
शत-शत दीप इकट्ठे होंगे
अपनी-अपनी चमक लिए,
अपने-अपने त्याग, तपस्या,
श्रम, संयम की दमक लिए।
- हरिवंशराय बच्चन
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!
युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल
प्रियतम का पथ आलोकित कर!
- महादेवी वर्मा

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