पाखंड बनाम यथार्थ की जंग में आप कहाँ हैं? -प्रसिद्ध यादव।


 

आपके संतान दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे या कहीं घण्टा बजायेंगे?ये आपको ही तय करना है।

राजनीति की बात छोड़ देश की वर्तमान परिदृश्य को देखें तो स्पष्ट मालूम होता है कि यहां जंग पाखंड,अंधविश्वास, झूठ बनाम यथार्थ ,तर्क,विज्ञान में जंग हो रहा है। अयोध्या में मंदिर बनने और रामराज्य की कल्पना में जीने वाले अपने हृदय पर हाथ रखकर बताएं कि प्रतिवर्ष   268923   भारतीय स्टूडेंट्स इंग्लैंड ,अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं।इसमें बहुजनों के कितने लोग जा रहे हैं या उनके रिश्तेदार, जानने वाले हैं? अधिकांशतः उत्तर न होगा। आखिर जिस देश में मंदिर बनने का ,द्वीप प्रज्वलित होने का, तीर्थ स्थलों पर भीड़ की विश्व रिकॉर्ड कायम हो रहा है, वहां शिक्षा को क्यों लकवा मार दिया?  यहाँ अम्बेडकरवाद बनाम मनुवाद की लड़ाई है, संविधान बनाम मनुसंहिता की लड़ाई है।गांधी और गोडसे के विचारों की लड़ाई है।  महात्मा बुद्ध, अशोक ,शिवजी साहू, फुले  रामस्वरूप वर्मा ,जगदेव बाबू सोने लाल पटेल ,चांदपुरी ,लोहिया ,ललाई यादव ,अबुल कलाम बनाम समंतियों, मनुवादियों के साथ लड़ाई है। अब खुद तय करना है कि मेरी आने वाली पीढ़ी किसी मंदिर की घंटा बजाये या हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज जैसे दुनिया के श्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में पढ़े। राजनीति ही सबकुछ नही है।सत्ता आती जाती रहती है लेकिन एक बार अपने बच्चों की उम्र ताली थाली पीटने में चली गई, किसी जुलूस में हुडंग करने में गुजर गई तो आठ -आठ आंसू रोने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बच जाएगा। कल्पनाओं की दुनियां में नहीं यथार्थ की सरजमीं पर जियें।

Comments

Popular posts from this blog

डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार में संलिप्त दो अधिकारी सहित 17 लोको पायलट गिरफ्तार !

जमालुद्दीन चक के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव नहीं रहे !

यूपीएससी में डायरेक्ट लेटरल एंट्री से बहाली !आरक्षण खत्म ! अब कौन धर्म खतरे में है !