मोतिचौक खगौल में कूड़े के ढेर के बीच यूरिन डिस्चार्ज का मजा ! -प्रसिद्ध यादव।

   



मोतिचौक पर जीर्ण शीर्ण अवस्था में  सड़क किनारे दीवार विहीन कूड़े के ढेर के बीच बदबूदार महक का मजा लेते हुए  लोग मूत्र डिस्चार्ज के लिए अनुशासन के साथ पंक्तिबद्ध होकर अपने बारी का इंतजार करते हैं।ठंड के मौसम में प्रेसर ज्यादा होने पर लोग " भाई जी !जरा जल्दी " रटा मारते सुनेंगे। इस मूत्रालय का उपयोग पुरूष बड़ी बेशर्मी से करते हैं, क्योंकि बगल से गुजरने वाले लोग ताकते भी नहीं है लेकिन दुर्गंध लिये बिना नहीं जा सकते हैं।  बड़ी भोले हैं यहाँ के लोग किसी को किसी से शिकायत नहीं है।सभी मजे में हैं क्योंकि जब एक बार शर्म हया खत्म हो गया तो खुलेआम डिस्चार्ज करने में लाज कैसी ? बगल में बिजली की ट्रांसफार्मर है, कभी कभी चिंगारी गिराकर लोगों को आधे अधूरे डिस्चार्ज में भागना पड़ता है।बाहर आकर ही डिस्चार्ज नली को पेंट के अंदर ठीक करते हैं।इस संयोग को लोग कॉमेडी का अवसर मानते हैं। इस मूत्रालय के पूरब चौक पर राजनेताओं का भाषण होता है।यहां से विकास की रौशनी निकलती है, नुक्कड़ नाटक भी होता है। " मोतिचौक पर मूत्र डिस्चार्ज में आनंद "  रंगकर्मियों को नाटक करना चाहिए और विकास पुरूष जनप्रतिनिधियों को बुलाना चाहिए। ऐसे ही एक मूत्रालय घिरनी पर है जो दुकानों के कारण मृत हो गया।यहां भी देर तक डिस्चार्ज करने वाले को अलर्ट करने के लिए बिजली के ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। खगौल के लोगों के लिए यह कोई समस्या नहीं है, सब मजे में है।घर बगल में है, वही फिनिश कर लेते हैं।दिक्कत गांव से बाजार जाने वाले को होती है।मजबूरी का नाम " मोतिचौक मूत्रालय है  "। आधी आबादी की बात यहां दूर दूर तक नही है।ठंड के मौसम में डिस्चार्ज करने वाले की लंबी कतार होने की आसार है।

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