अलविदा 2023 !

  


बीते ताहिं बिसारिये ,आगे की सुध लें।

 इस साल भारत ने कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की है, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। सफल चंद्रयान मिशन, जी20 की अध्यक्षता और आदित्य एल-1 मिशन ने भारत को विश्व स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। नए संसद भवन का उद्घाटन खुशी की बात है लेकिन इसकी सुरक्षा में सेंध चिंताजनक है।संसद में सुरक्षा पर सवाल पर 150 से अधिक सांसदों का निलंबन अनेक सवाल खड़ा कर देता है। भारत दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाला देश हो गया है। विश्व कप क्रिकेट में भारत  फाइनल में पहुंचकर भारतीयों को निराश किया।

इसके साथ ही , सिल्क्यारा सुरंग में फंसे लोगों को बचाना और विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भारत की उपलब्धि बेहद खास रही है। हालांकि, साल भर में देश के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी आई है। मणिपुर की हिंसा झकझोर दिया।उड़ीसा के बालासोर की रेल दुर्घटना मर्माहत किया । हमने अपने देश के महान प्रमुख हस्तियों को खो दिया है।

शरद यादव- भारतीय राजनेता  ,जमुना- तेलुगु अभिनेत्री , शांति भूषण- पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और प्रख्यात न्यायविद् , सी. ललिता- पद्मश्री से सम्मानित ,परिमल डे- भारत के पूर्व फुटबॉलर ,के. विश्वनाथ- दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ,वाणी जयराम- गायिका ,सतीश कौशिक- अभिनेता-फिल्म निर्माता ,एस प्रकाश सिंह बादल- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ,मनोबाला- तमिल अभिनेता-निर्देशक ,सरथ बाबू- अभिनेता ,ओमन चांडी- वरिष्ठ कांग्रेस नेता ,सीआर राव- प्रसिद्ध गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् ,केजी जॉर्ज- फिल्म निर्माता ,एमएस स्वामीनाथन- कृषि वैज्ञानिक और भारत की "हरित क्रांति" के वास्तुकार, लीलावती- तमिल-तेलुगु अभिनेत्री . हाल ही में हुए राज्यों के चुनाव में भाजपा की जीत भाजपा के लिए उत्साहवर्धन है




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