देश की सच्ची और आभासी तस्वीरे ! - प्रसिद्ध यादव।

 

देखने वाले की नजरिया चाहिए कि वे देश की सच्ची तस्वीरे देखना पसंद करते हैं या आभासी। राजनीति में आभासी दुनिया दिखाई जाती है और वो बड़ा ही लुभाने वाले और सुखद लगते हैं लेकिन जैसे ही हम सच्ची तस्वीरों को देखते हैं तो विचलित हो जाते हैं। आभासी दुनिया में सैर सपाटे करवाने के लिए करोड़ों, अरबों रुपये लुटाये जा रहे हैं और सच्ची तस्वीरों को दिखाने वाले पड़तारित किये जा रहे हैं। अभी देश में एक साथ दो बड़ी  क्रियाकलाप होने जा रहा है।एक कॉंग्रेस के राहुल गांधी का देश भ्रमण के फेज 2 कार्यक्रम मणिपुर से मुंबई की पदयात्रा और दूसरा मोदी द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन। राहुल गांधी करीब 12 राज्यों के भ्रमण करते हुए लोगों से नजदीक से जुड़ने का प्रयास करेंगे। इस पदयात्रा में मणिपुर की विभत्स घटना सरकार के नकारेपन के लिए पर्याप्त होगा। लोकतंत्र में कैसे महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया, दिनदहाड़े हिंसा,आगजनी व हिंसा हुई और सरकार कुम्भकर्णी नींद में सोई रही। दूसरी तरफ सदियों से प्रतीक्षित अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ इससे हिन्दू भावनाओं को राजनीति रंग चढ़ाने का भरपूर प्रयास होगा ।अब देखना होगा कि देश के लोग देश के लोग सच्ची तस्वीरे देखना पसंद करेंगे या आभासी? मणिपुर जलता रहा लेकिन न सरकार जगी न कोई धर्म के ठेकेदार।सब के मुंह पर ताले लगे हुए थे लेकिन अन्य कार्यों के लिए दरिया दिल देखकर आश्चर्य होता है। पीड़ितों के दर्द को सुनना,समझना उपहास लगता है और आभासी दुनिया में बुद्धिमानी। हर धर्म को मानने वाले अपने अपने ढंग से आस्था रखते हैं।इस पर किसी का कोई जोर जबर्दस्ती नहीं है लेकिन जब धर्म का राजनीतिकरण होने लगता है तो धर्म से विश्वास उठने लगता है।यही कारण है कि लोग आज धर्म से ज्यादा शिक्षा पर महत्व देते हैं और इससे विमुख हो रहे हैं।

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