मतगणना में धांधली कर भाजपा बना चंडीगढ़ का मेयर !
रामराज्य का नमूना चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में देखने को मिला ।जिसकी बुनियाद ही झूठ फरेब,मुखबिरी करना है, उससे रामराज्य की कल्पना करना ही बेमानी है।
जब भाजपा मेयर के चुनाव में धांधली करवाकर चुनाव जीत सकती है तो लोकसभा, विधानसभा में क्या क्या करवाती होगी। मतगणना में पीठासीन अधिकारी द्वारा कलम से 8 मतपत्र पर कलम चलाकर उसे रद्द कर दिया। इस पूरे प्रकरण पर चुनाव आयोग व न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। अन्यथा भाजपा लोकतंत्र की गला घोंटने से बाज नहीं आयेगी।चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था. बीजेपी के पास उसके अपने पार्षदों, सांसद मिलाकर कुल 15 वोट थे. निर्दलीय शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद का वोट भी जोड़ लें तो बीजेपी का वोट 16 तक ही पहुंच रहा था. बीजेपी उम्मीदवार को इतना ही वोट मिला भी है.
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 मिलाकर वोटों का आंकड़ा 20 था. वोटिंग के बाद गिनती पूरी हुई तब बताया गया कि कांग्रेस और आप के साझा उम्मीदवार के पक्ष में पड़े 20 में से 8 वोट रिजेक्ट हो गए. इसके बाद दोनों दलों के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मिले वैलिड वोट 12 ही बचे. इसी आधार पर बीजेपी उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया.
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इस हार को बेईमानी करार दिया है. उन्होंने कहा, 'चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है. यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ये बेहद चिंताजनक है।देश की जनता देख रही है और समय पर सही जवाब देगी।
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