ईडी फर्जी ईडी का खेल हो रहा है।
इस देश में ईडी का भय साक्षात यमराज की तरह है। जरा सी ईडी की भनक लगी लोगों का बीपी बढ़ जा रहा है।राजनेताओं का आत्मा बदल जाता है और सीधे सत्ता में घुस जा रहा है।यही भय के माहौल में फर्जी ईडी अब बन रहे हैं। हालाँकि सत्ता शरणम में ईडी का भय नहीं है।देश के 85 फ़ीसदी ईडी की नजर विपक्ष पर ही है और 15 फ़ीसदी की जांच या तो बन्द हो गई या कछुए की चाल से है। मुंबई में स्पेशल-26 की तर्ज पर हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 कुल 6 आरोपियों को फर्जी ED अधिकारी बनकर ओमकार डेवलपर से 164 करोड़ वसूल करने की कोशिश करने के मामले में गिरफ़्तार किया है। इसी मामले की जाँच अब असली ED ने शुरू कर दी है, सूत्रों ने बताया की ED ने इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच से जानकारी ली है और अब इस मामले में ECIR दर्ज कर इसकी जाँच शुरू कर रही है।
क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दया नायक के अनुसार इस मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ़्तार किए गए हैं। अभी और लोगों गिरफ़्तारी संभव है। इस मामले में हीरेन रमेश भगत उर्फ़ रोमी भगत नाम के शख़्स को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया गया था जिसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने बताया की कि रोमी का नाम इस मामले में पहले से गिरफ़्तार पांच आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आया था। आरोप है की इन्होंने ख़ुद को ED अधिकारी बताया और ओंकार डेवलपर्स को बुलाकर मीटिंग की। इन आरोपियों ने उनपर कथित तौर से 164 करोड़ रुपये का भुगतान करके रायवल बिल्डर सतीश धानुका के साथ समझौता करने के लिए दबाव डाला।
शिकायतकर्ता ने पुलिस के सामने यह दावा किया है की वो फर्जी ED अधिकारियों से डर गया और उसने कथित तौर पर रोमी भगत को 25 लाख रुपये दिये। भगत को जब कोर्ट में पेश किया गया तब उन्होंने उसकी रिमांड मांगते हुए कहा कि आरोपी पीड़ितों से बातचीत करने और उन्हें डराने के लिए ऑस्ट्रेलिया में रजिस्टर सिम कार्ड और प्राइवेट वीपीएन का इस्तेमाल कर रहा था।
पिछले हफ्ते पुलिस ने चार आरोपियों अविनाश दुबे, राजेंद्र शीर्षत, राकेश केडिया और कल्पेश भोसले को गिरफ्तार किया था। बाद में मंगलवार को उन्होंने एक सेवानिवृत्त कस्टम अधिकारी के बेटे अमेय सावेकर को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही रोमी भगत भी पुलिस की गिरफ्त में है।
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